जम्मू: भारत के मामलों में टांग अड़ाने के मुद्दे पर पाकिस्तान को दो-टूक लफ्जों में संदेश देते हुए केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने  कहा कि अगर पाकिस्तान अपनी खैर चाहता है तो उसे अपनी नापाक हरकतों से बाज आना चाहिए।

सिंह ने जम्मू में जन कल्याण पर्व को संबोधित करते हुए कहा, ‘अगर पाकिस्तान अपनी खैर चाहता है तो उसे दूसरे देशों के मामलों में दखल देना बंद करना चाहिए। उसे भारत पर लक्षित अपनी तमाम नापाक गतिविधियां रोकनी चाहिए।’’ गृहमंत्री ने भारत के सम्मान, अखंडता और संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने की इच्छा रखने वालों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे लोगों को देश भरपूर जवाब देगा।

सिंह ने कहा, ‘जो देश के सम्मान, अखंडता और संप्रभुता को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं उन्हें भरपूर जवाब दिया जाएगा। हम अपनी सेना, अपने अर्ध सैनिक बल और अपने बलों पर भरोसा करते हैं। उनकी निष्ठा और देशप्रेम पर कोई सवाल नहीं किया जा सकता है।’ उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान समेत अपने सभी पड़ोसी देशों की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है, लेकिन पाकिस्तान ने हमेशा पीठ पर वार किया।

वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, ‘पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया, लेकिन उसने पीठ पर वार किया। उसके बाद जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक साल पहले सत्ता में आए तो उन्होंने शपथग्रहण समारोह में पाकिस्तान समेत पड़ोसी देशों के शासनाध्यक्ष को आमंत्रित किया।’

सिंह ने कहा कि सरकार ने सशस्त्र बलों, खास तौर पर बीएसएफ को खुला आदेश दे दिया है कि वे सीमा पार से किसी आक्रमण का पूरी ताकत से मुकाबला करें। उन्होंने कहा, ‘पिछले साल अक्तूबर में, पाकिस्तान ने बिना किसी उकसावे के संघषर्विराम का उल्लंघन किया। मैंने टेलीविजन पर देखा कि हमारे पांच नागरिक मारे गए हैं। मैंने बीएसएफ के महानिदेशक को यह सुनिश्चित करने को कहा कि हम गोलियां चलाने वालों में पहले नहीं रहें। लेकिन अगर सीमा पार से हम पर गोलियां चलाई जाती हैं तो पाकिस्तानी पक्ष को पूरी ताकत से भरपूर जवाब मिले।’’ सिंह ने कहा कि भारतीय पक्ष के जवाब ने पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र में जाने और यह आग्रह करने के लिए बाध्य किया कि वह दखल दे और भारत को उसपर गोली चलाने से रोके।