शिया धर्म गुरु विधानसभा चुनाव में करेंगे सपा सरकार का विरोध

लखनऊ: शिया वक्फ बोर्ड में वसीम रिजवी को एक बार फिर चेयरमैन बनाए जाने के खिलाफ आज धर्मगरूओं और बुद्धिजीवियों की एक बैठक हुई जिसमे उल्मा ने सर्वसम्मति से तय किया कि 2017 के चुनाव में खुलकर सपा सरकार का विरोध किया जाएगा क्योंकि यह सरकार मुसलमानों के अधिकारों के लिए बिल्कुल गंभीर नहीं है और केवल कुछ लोगों के हाथों का खिलौना बन चुकी है ।

 उल्मा ने कहा हम उस पार्टी के समर्थन की घोषणा करेंगे जो हमारे अधिकार देने का पुरा आश्वासन दे । सपा ने केवल मुसलमानों का शोषण किया है जब चुनाव का समय नजदीक आता है पार्टी मुसलमानों का वोट पाने के लिए वादों की झड़ी लगा देती है लेकिन सरकार बनने के बाद मुसलमानों को बिल्कुल भुला देती है। अब समाजवादी पार्टी की दोहरी नीति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और कांग्रेस की तरह खुलकर जनता के बीच विरोध क्या जाएगा । उल्मा ने कहा सरकार शिया वक्फ बोर्ड को नष्ट करने पर तुली है इसलिए उसने पूरी योजना के साथ वसीम रिजवी को फिर अध्यक्ष बनाया है जबकि खुद सरकार की जांच में उन्हें वक्फ में खुर्द बुर्द का दोषी पाया गया था। ऐसे लोगों को सदस्य मनोनीत किया गया है जो नकली नोटों की हेराफेरी  में गिरफ्तार हो चुके हैं। वक्फ के चुनाव में पक्षपात किया गया है और यह सब समाजवादी के इशारे पर हुआ है।

उल्मा ने तय किया कि अब क़ौमी विकास मंच को और बढाया जायेगा मंच में हिन्दू और दूसरे धर्म के विद्वानों और नौजवानों को शामिल किया जायेगा। जल्द ही इसकी कमेटी गठित की जायेगी।

बैठक में मौलाना तसनीम महदी, मौलाना रजा हुसैन, मौलाना फिरोज हुसैन, मौलाना अमीर हैदर, मौलाना हसन जाफर, मौलाना शबाहत हुसैन, मौलाना शबाब हैदर , मौलाना जव्वार हुसैन, मीसम रिजवी हिदायत नवाब, हसनैन नोरबाडी के अलावा अन्य उल्मा औेर बुद्धिजीवी मौजूद रहे।