इंस्टेंटखबर ब्यूरो 

लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल  अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह ने केंद्र सरकार का एक वर्ष पूरे होने पर मोदी पर तंज कसे और कहा कि मोदी का एक भी वायदा पूरा नहीं हुआ इसलिए मथुरा रैली में वह उन पर एक शब्द भी नहीं बोले। आज किसान संवाद के लिए सीतापुर जाने से पूर्व लखनऊ में रालोद मुख्यालय में चौधरी अजित सिंह पत्रकारों से कहा कि मथुरा में मोदी के पास मौका था कि किसानों को अपनी बात समझाते लेकिन वह इधर-उधर की बात करते रहे। लोकसभा चुनाव में उन्होंने हर वर्ष ढाई करोड़ नौकरी देने का वायदा किया था लेकिन अब वह अच्छे दिनों की बात करना भूल गए हैं। मथुरा में जनता ने मोदी रैली में उत्साह नहीं दिखाया।

प्रेसवार्ता में मोदी सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल का आंकलन करते हुये श्री चौधरी ने कहा कि पूर्ण बहुमत में आयी मोदी सरकार आर्थिक मोर्चो पर कुछ खास नहीं कर पायी और देश की अर्थव्यवस्था पटरी से नीचे उतरती नजर आ रही है और युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया कराने में भी नाकाम साबित रहे। मोदी जी ने अच्छे दिन आयेंगे का झूठा वादा करके सिर्फ जनता को गुमराह करने काम करने का काम किया है। कच्चे तेल के दाम कम होने के बावजूद आम आदमी को मंहगाई की चुभन से निजात नहीं दिला पाये। 100 दिनों में विदेषों में जमा कालाधन वापस लाने की मनगढ़न्त बाते करने वाले मोदी 1 वर्ष में में भी कालाधन वापस नहीं ला पाये जिससे लगता है कि चुनाव में रैलियों के दौरान किये गये वादे सभी खोखले साबित हो चुके हैं। उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार ने अपने एक वर्ष के कार्यकाल में किसानों के साथ धोखा किया है भूमि अधिग्रहण बिल में संषोधन करके नया अध्यादेष लाना पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने की चाल है।

अजित सिंह ने सपा सरकार पर हमला बोला और कहा कि लाल टोपी वाले सत्ता में बैठे हैं लेकिन पूंजीपतियों के हाथ की कठपुतली बने हैं और गन्ना किसानों, गरीबों और पिछड़ों के साथ अन्याय कर रहे हैं। अति पिछड़ों को अलग से आरक्षण की वकालत करते हुए सिंह ने कहा कि गुर्जर आंदोलन को पहले भी उनका समर्थन था और आगे भी रहेगा।

अजित सिंह ने कहा कि 2017 का विधानसभा चुनाव पार्टी अकेले अपने दम पर लड़ेगी। अगर बिहार में नीतीश, लालू और शरद मिलकर चुनाव लड़ते हैं तो भाजपा का विकल्प मिल जायेगा। अमर सिंह और जयाप्रदा के रालोद में होने के सवाल पर चौधरी ने कहा कि दोनों ने ऑनलाइन सदस्यता नहीं ली है। ऐसे ही एक सवाल के जवाब में कहा कि बसपा से तालमेल का कभी प्रयास नहीं किया।