लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने अखिलेश सरकार को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि केन्द्र सरकार पर सौतेलेपन का आरोप लगाने वाली सपा सरकार किसानों के प्रति अपने दायित्वों का निर्वहन क्यो नहीं कर पा रही है। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि राज्य में किसान दुर्घटना बीमा योजना का लाभ किसानों को क्यो नहीं मिल पा रहा है ? सपा प्रवक्ता से सवाल करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में 9287 पीडि़त किसानों के दावों के निस्तारण में विलंम्ब के लिए क्या मोदी सरकार दोषी है।

सोमवार को पार्टी मुख्यालय पर चर्चा के दौरान प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने अखिलेश सरकार के काम-काज पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जब राज्य में कृषक र्दुघटना बीमा योजना लागू है। सपाई मंचों से लगातार इस योजना की वाह-वाही लूटने में भी जुटे है, तो फिर इस योजना के आच्छादित 2.50 करोड़ खातेदार सह खातेदारी केा लाभ क्यों नहीं मिल पा रहा है ? उन्होंने कहा कि कृषक बीमा योजना के तहत मृत्यु तथा पूर्ण शरीरिक अक्षमता, दोनों हाथ या दोनो पैर या दोनों आखों के नुकसान पर अथवा एक हाथ तथा एक पैर के नुकसान पर किसानों को 5 लाख रूपये बीमा के मिलते है, किन्तु राज्य में जारी प्रशासनिक अराजकता के कारण योजनाओं का लाभ पीडि़तों को नहीं मिल पा रहा है। यही नहीं एक हाथ, एक पैर और एक आंख के नुकसान तथा स्थाई अपंगता 50 प्रतिशत से अधिक होने पर भी 2.50 लाख रूपये किसानों को मिलने का प्रवधान है किन्तु शासकीय पहल के अभाव के कारण किसान इस सहायता से वंचित को रहा है।

उन्होंने कहा कि अपनी नाकामियों का ठिकरा दुसरों पर मढ़ने में जुटे सपाई केन्द्र की सरकार पर सौतेलेपन का आरोप तो लगा रहे है पर क्या यह सच नहीं है कि मोदी सरकार ने राज्य को मिलने वाली राशि को 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर दिया है, इसके तहत अब उ0प्र0 को अतिरिक्त धनराशि मिल रही है। उन्होंने कहा कि एक ओर सपा प्रवक्ता कहते है कि केन्द्र से कोई धनराशि नहीं मिली है, दूसरी ओर खुद कहते है कि केन्द्र से 253 करोड़ रूपये मिले है।

श्री पाठक ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ को बयाजबाजी तक सीमित बताने वाले यह तो बताये की ‘मेक इन यू.पी.’ की बात तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव करते है, किन्तु मेक इन यूपी के लिए जो आधार मूल ढांचा उपलबध कराना चाहिए वह मेक इन यूपी करने वालों को क्यों नहीं उपलब्ध करा पा रहे है। फिर स्वच्छ भारत अभियान को हवा-हवाई बताने वालो का क्या संविधान में विश्वास नहीं है, जब संविधान में विश्वास है तो भारत सरकार के संकल्पों को क्या राज्य राजनैतिक कारणों से असफल करने में जुटेगे उसे हवा-हवाई साबित करने का प्रयास करेंगे। एक तरफ तो केन्द्र पर सहयोग न करने की बात करना दूसरी तरफ केन्द्र सरकार की योजनाओं में सहयोग न कर उसे असफल करने का प्रयास करना क्या संघीय ढांचे के लिए उपयुक्त  है।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि राजनैतिक आरोपो की बजाय सपा सरकार अपनी जिम्मेदारियों का र्निवहन करने में जुटे। किसान वर्ष मनाने का ढोग रचने वाले लोग थोथी घोषणाओं की बजाय योजनाओं का लाभ लाभार्थी तक पहुंुचे इसकी चिंता करें।