सत्य प्रकाश

भारत एक ऐसा देश है जिसके इतिहास और यहाँ के लोगों के विषय में सम्पूर्ण विश्व में चर्चे विख्यात हैं एवं अन्य देश भी अत्याधिक प्रशंसा करते हैं | यहाँ का खान पान भाषा रीति रिवाज पहनावा त्यौहारों की अनेकता एवं भारतवासियों द्वारा उन्हें अद्भुत और आश्चर्यजनकरूप से मनाने के ढंग को देखकर सभी दंग रह जाते हैं | अधिकाँश विदेशी तो अपनी पूरी उम्र भारत और उससे जुड़ी हर एक चीज के शोध में व्यतीत कर देते हैं फिर भी उन से बहुत चीजे अछूती रह जाती हैं | भारत में विभिन्न जाति और धर्म के लोग रहते हैं |

वर्तमान समय में भारत विभाजित सा होता चला जा रहा है चाहे वो कस्बे शहर राज्य की सीमाओं के रूप में हो या फिर विभिन्न जाती और धर्म के रूप में हो | और इस विभाजन को जोर- शोर से प्रोत्साहित करते हमारे देश की राजनीतिक हस्तियां , हिन्दू -मुस्लिम , ऊँच-नींच (ब्राम्हण ,क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र ) के आधार पर संगठन बनाकर लोगों में विरोध की भावना पैदा करना | वह ऐसा कार्य करके अपना दबदबा बनाने में सदैव सफल होते हैं ,परंतु वह यह कभी नहीं सोचते यदि सम्पूर्ण भारत में यदि सर्वोच्च स्तर पर भेदभाव शुरू हो गया तो क्या होगा ?? 

इन राजनीतिक दलों से बड़ी मूर्ख तो आम जनता है जो इस विषय पर तनिक भी नहीं सोचती | अपनी सुरक्षा एक व्यक्ति स्वयं ही कर सकता है दूसरा नहीं ,उदाहरण के रूप में यदि आप गर्म तवे पर हाथ रखें तो आपको पता चलेगा की आपको कितना कष्ट हुआ और आप हाथ तुरंत हटा लेंगे या नहीं रखेंगे | राजनीतिक दलों द्वारा बड़े स्तर पर जाति और धर्म के रूप में भेदभाव कराने का अंजाम भी अच्छा नहीं है इसके लिए भी एक उदाहरण है यदि आप पर आपदा आये और आपको या परिवार के किसी सदस्य को ब्लड बैंक से ब्लड की अत्यंत आवश्यकता पड़े और आपसे कहा जाये आप जिस जाति के हैं उस जाति के खून का स्टॉक खत्म हो गया है उस स्थिति में आप के पैरों तले जमीन खिसक जायेगी | अतः इन आधारों पर भेदभाव करना निराशाजनक है इन भेदभाँवों का लाभ उठाकर एक बार पुनः हमारा शत्रु फुट डालो और राज करो नीति अपनाकर भारत को अपना गुलाम बना लेगा और यह समय अधिक दूर नहीं जब इन आडम्बरों के आधार पर मार काट की झड़ी लग जायेगी |