लखनऊ। समय से डीए का भुगतान न होने की खबर के चलते प्रदेश के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों में आक्रोष व्याप्त है। अगर समय से डीए का भुगतान न किया गया तो प्रदेश का चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी आन्दोलन के लिए बाध्य होगा। प्रदेश सरकार विधायकों के वेतन भत्ते को लेकर जितनी गम्भीर है उतनी गम्भीरता उसके पास प्रदेश के कर्मचारियों के प्रति नही है। यह बात प्रदेश के चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रामराज दुबे ने कही।

उन्होंने कहा कि सत्ता में आने से पूर्व वर्तमान सरकार ने कर्मचारियों के हितों की रक्षा करने के जो दावें किये थे वे सब अब तक पूरे नही हुए बल्कि वित्त विभाग की लापरवाही के चलते समय से वेतन का भुगतान न होना तथा जिस अनुपात में राज्य कर्मिकों को डीए दिये जाना चाहिए था वह भी नही दिया गया। अब सरकार आर्थिक संसाधन का रोना रोकर समय से डीए का भुगतान करके राज्य कार्मिकों को उग्र होने पर मजबूर कर रही है। उन्होंने बताया कि राज्य कर्मचारियों, शिक्षकों और शिक्षणोत्तर कर्मचारियों को छह फीसद की दर से बढ़े हुए महंगाई भत्ते (डीए) का नगद भुगतान जुलाई में मिलने की संभावना और बढ़ी दर से महंगाई भत्ता देने का शासनादेश जून में जारी होने की खबर आ रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कर्मिकों को जून के वेतन के साथ बढ़ा हुए डीए का नकद भुगतान किया जाए। उन्होंने कहा कि जब विधायकों के वेतन ५ हजार बढ़ा, भत्ता दोगुना किया जा सकता है तो कर्मचारियों को मिलने वाले इस अल्प लाभ को समय से देने में क्या दिक्कत है। श्री दुबे ने बताया कि डीए को लेकर महासंघ की बैठक 30 मई को बुलाई गई है। इस बैठक में तय किया जाएगा कि डीए को लेकर उपजे आक्रोष के चलतें किस तिथि से आन्दोलन घोषित किया जाए।