नई दिल्ली : पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने आज कहा कि उन्हें नहीं लगता कि भारत के चोटी के क्रिकेटर भविष्य में पाकिस्तान का दौरा करना चाहेंगे।

पाकिस्तान में छह साल बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी हुई है जो कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के लिये शुरूआती सफलता है लेकिन गावस्कर ने जिम्बाब्वे के दौरे को ‘छोटा कदम’ करार दिया। श्रीलंका की टीम पर मार्च 2009 में आतंकी हमले के बाद पिछले छह साल में पाकिस्तान का दौरा करने वाली जिम्बाब्वे पहली टेस्ट टीम है।

गावस्कर ने कहा, ‘देश के बोर्ड जो भी फैसला करें, मुझे पूरा विश्वास है कि यदि भारत के कई चोटी के खिलाड़ियों को आज वहां जाने के लिये कहा जाता है तो वे वहां जाना पसंद नहीं करेंगे। 2009 में जो कुछ हुआ अधिकतर खिलाड़ी वहां का दौरा करने से इन्कार करेंगे।’

गावस्कर से जब जिम्बाब्वे दौरे के बारे में पूछा गया जिसकी शुरूआत आज टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच से हुई, उन्होंने कहा, ‘यह बहुत छोटा कदम है। अभी कई कदम उठाये जाने की जरूरत है जिसके बाद यह कह जा सके कि पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी हुई है।’

पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा कि हालांकि कहा कि पाकिस्तान के युवाओं के लिये यह बड़ी बात है कि वे क्रिकेट के अपने नायकों को अपने सामने खेलते हुए देखेंगे। उन्होंने कहा, ‘यह युवा पाकिस्तानियों के लिये अच्छा है कि उन्हें अपनी आंखों के सामने अपने नायकों को खेलते हुए देखने का मौका मिलेगा।’