अब लगाई जाएगी हर खिलाड़ी की बोली!

नई दिल्‍ली : इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में एक बड़े बदलाव की सुगबुगाहट सुनाई दे रही है। सूत्रों के अनुसार, कथित तौर पर आईपीएल में खिलाडि़यों की नीलामी से जुड़े नियमों में बदलाव की कवायद की जा रही है। हो सकता है की महेंद्र सिंह धोनी और सुरेश रैना को आगे आप चेन्‍नई सुपरकिंग्‍स (सीएसके) की पीली जर्सी में ना देखें, विराट कोहली रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु में नजर न आएं और लसित मलिंगा के यॉर्कर मुंबई इंडियंस के बैट्समैन के खिलाफ पड़े। ज्यादातर आईपीएल टीम के मालिकों की मांग के चलते ऐसा संभव नजर आ रहा है, जिसमें इन्‍होंने कहा है की साल 2017 की नीलामी में हर खिलाड़ी की बोली लगाई जाए। और कुछ टीमों की ओर से बड़े खिलाड़ियों को ऐसे रोक कर रखना की दूसरी टीमों में वे ना जा पाएं।

आईपीएल की शुरुआत में लगा था की सभी टीमों को बड़े खिलाडि़यों को अपनी टीम में रखने के लिए बराबर का मौका मिलेगा, मगर ऐसा नहीं हुआ। कुछ टीमों में खिलाड़ी कई सालों से बने हुए हैं और उनकी टीम उन्हें रिटेन करती रही है। बेहतर प्रदर्शन करने वाले कुछ खिलाड़ियों को चाहकर भी दूसरी टीम, ज्यादा पैसे देकर भी नहीं ले सकती थी क्योंकि पूर्व अध्यक्ष श्रीनिवासन के नेतृत्व वाली बीसीसीआई ने खिलाडि़यों को बरकरार (रिटेन) करने का नियम बना दिया था। जानकारी के अनुसार, कथित तौर पर बीते दिनों आईपीएल टीम मालिकों और आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ल व बीसीसीआई सेक्रेटरी अनुराग ठाकुर के बीच हुई बैठक में ज्यादातर आईपीएल टीम मालिकों ने सबको खिलाड़ी खरीदने का बराबर का हक देने और रिटेनिंग सिस्टम बंद करने की मांग की।

मौजूदा नियम जो साल 2014 में बने थे, उसके मुताबिक हर टीम को पांच खिलाड़ी रिटेन करने का विकल्प है। जबकि छठे खिलाड़ी को, जो ऊंची बोली लगाई गई है उसे मैच करके यानी बराबरी की बोली लगाकर रिटेन किया जा सकता है। ज्यादातर आईपीएल फ्रेंचाइजी की मांग है की साल 2017 में होने वाले आईपीएल नीलामी में सभी खिलाड़ियों के नाम लाए जाएं। कुछ फ्रेंचाइजी का कहना है की उन्हें पांच खिलाड़ी को रिटेन करने के बजाय 5 मैचिंग कार्ड्स दिए जाएं ताकि उन्हें अधिकार मिल सके कि वे ऑक्शन पूल में अपने पुराने 5 खिलाड़ियों की अधिकतम बिड अमाउंट को मैच कर सके।

सूत्रों के मुताबिक, 2008 के मूल नियमों बदलाव दरअसल में श्रीनिवासन की अगुवाई वाली बीसीसीआई ने किए थे। और इसका सबसे ज्यादा फायदा हुआ श्रीनिवासन की कंपनी की मालिकाना हक वाली टीम चेन्नई सुपरकिंग्स को। अब चूंकि बीसीसीआई की लीडरशिप बदल गई है, तो अब कुछ आईपीएल टीम मालिकों ने इसे लेकर अपनी मांग तेज कर दी है। आईपीएल फ्रेंचाइजी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि बीसीसीआई के साथ हुई अपनी मीटिंग में इस मामले को उन्‍होंने बखूबी उठाया। ज्ञात हो कि इसके पहले भी नियमों को लेकर टीम मालिकों और बीसीसीआई के बीच मतभेद रहा है।

 मालूम  हो कि आईपीएल की शुरुआत में 2008 में जो एग्रीमेंट हुआ था उसके मुताबिक हर खिलाड़ी का नाम तीन साल पर होनेवाली नीलामी में सामने लाना था। मगर 2011 में टीमों को चार खिलाडि़यों को रिटेन करने की छूट दे दी गई। फिर 2014 में श्रीनिवासन की अगुवाई वाली बीसीसीआई के अनुसार, आठ खिलाड़ियों को रिटेन करने की इजाजत मिल जाए। मगर बाकी टीम मालिकों के विरोध के बाद ये संख्या घटाकर छह कर दी गई।

अब यदि आईपीएल की नीलामी नियमों में बदलाव होता है तो बहुत से खिलाड़ी जो आईपीएल की शुरुआत से एक ही टीम में बने हुए हैं, उन्हें नई टीम भी खरीद सकती है। इसमें एमएस धोनी, सुरेश रैना, रविन्द्र जडेजा, विराट कोहली, एबी डिविलियर्स, लसित मलिंगा, हरभजन सिंह, शेन वाटसन जैसे खिलाड़ी आ जाएंगे, जो कई सालों से एक ही टीम में खेल रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार, हालांकि कुछ टीम पुराने रिटेन सिस्टम को बदलने के पक्ष में नहीं है। लेकिन अधिकतर टीम चाहती है कि नए नियम से हर टीम के पास हर खिलाड़ी के लिए बिड करने का मौका होगा। गौर हो कि चेन्नई सुपरकिंग्स जैसी  टीम कई साल से कई खिलाड़ी को ऑक्शन पूल में आने ही नहीं देती है।

नए नियम का खामियाजा चेन्नई सुपर किंग्स, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और मुंबई इंडियन्‍य को भुगतना होगा, जिन्होंने सबसे ज्यादा खिलाडि़यों को आईपीएल की शुरुआत से ही रिटेन करके रखा है। सूत्रों के अनुसार, अब ये मामला आईपीएल की गवर्निंग कौंसिल में ले जाया जाएगा। जिसके बाद आईपीएल अपने सुझाव बीसीसीआई की वर्किंग कमिटी को देगी। और फिर इसके बाद बीसीसीआई इस पर विचार विमर्श करके नए नियम को अमलीजामा पहना सकती है।