लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भले ही यूपी में पिछले तीन वर्षों से सपा सरकार चला रहे हों लेकिन लडकपन अभी तक नहीं छोड़ पाए हैं। वह हर तीन-चार महीने बीतने के बाद विदेश में सैरसपाटे का मौका ढूंढने लगते हैं। यूपी की सत्ता संभालने के बाद आधा दर्जन से अधिक मौकों पर वह विदेशों की सैर कर चुके हैं।

प्रदेश पार्टी मुख्यायल पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि अब जब पूरे प्रदेश की जनता बिजली-पानी के भीषण संकट से बेहाल है। सपा सरकार की उपेक्षा के दंश ने सैकड़ों किसानों की जानें ले ली हैं और सत्ता के मद में चूर मुख्यमंत्री पिछले एक महीने के दौरान जर्मनी के बाद अपनी दूसरी विदेश यात्रा पर फ्रांस पहुुंच चुके हैं। मुख्यमंत्री यात्रा के लिए सरकार का तर्क है कि फ्रांस दौरे में इत्र निर्माण की नई तकनीकों का पता लगाया जाएगा ताकि कन्नौज के इत्र उद्योग को लाभकारी बनाया जा सके। कहा जा रहा है कि इससे किसान फूलों की खेती करने को प्रोत्साहित होंगे। 

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आठ महीने पहले पिछले वर्ष सितंबर के पहले हफ्ते में हॉलैंड से लौटकर भी कुछ ऐसे ही सब्जबाग दिखाए थे। मुख्यमंत्री के इस मौके पर सरकारी प्रवक्ता ने एक विज्ञपित जारी कर कहा था कि मुख्यमंत्री की इस यात्रा के अनुभव मंडियों, सहकारी संस्थाओं, पर्यावरण व खेती-किसानी के बुनियादी संसाधनों के विकास को नई गति व दिशा देंगे। यह भी दावा किया गया था कि नीदरलैंड के लोरा हालैंड सहकारी संगठन की कार्यप्रणाली व आल्समीर पुष्प नीलामी केंद्र की तकनीकी का इस्तेमाल यूपी में फूलों की खेती को बढ़ावा देने में किया जाएगा। अब मुख्यमंत्री बताएं कि हॉलैंड दौरे के आठ महीने बाद उन्होंने प्रदेश में फूलों की खेती बढ़ाने के लिए क्या नीति बनाई या प्रयास किये ? अब इत्र के नाम पर फूलों की खेती बढ़ाने की तकनीकी सीखने फ्रांस जाने वाले मुख्यमंत्री फिर आठ महीने पहले हॉलैंड क्या करने गए थे ?

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि यह प्रदेश की जनता के साथ सरासर धोखधड़ी है। मुख्यमंत्री जिस सरकारी धन से विदेशों के दौरे कर रहे हैं वह भोली-भाली जनता, किसान द्वारा चुकाए गए टैक्स का पैसा है। सपा के बदहाल राज में किसान और जनता के आंसू निकल रहे हैं और मुख्यमंत्री फ्रांस में परिवार समेत गर्मियों की छुट्टियों का ‘सदुपयोग’ करने में व्यस्त हैं। अगर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अगर जरा भी गंभीर हैं तो उन्हें इस बात की जानकारी देनी चाहिए कि उनके पिछले विदेशी दौरों का प्रदेश की जनता को क्या लाभ मिला है ?