मुंबई: एक नामी गिरामी हीरा निर्यात कंपनी ने एक युवा एमबीए स्नातक को महज इस लिए नौकरी देने से इनकार कर दिया कि वह मुसलमान है। यह मुद्दा अब विवादों में घिर गया है और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का कहना है कि मामले में यदि कोई सच्चाई दिखती है तो आयोग इसकी जांच करेगा। एमबीए स्नातक जीशान अली खान ने 19 मई को कंपनी में नौकरी के लिए आवेदन किया था। उधर, पुलिस ने कंपनी के खिलाफ धार्मिक आधार पर भेदभाव करने का केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है।

जीशान ने अपना दर्द फेसबुक पर रखा तो इस पर काफी लोगों ने कंपनी के प्रति नाराजगी व्यक्त की। जीशान ने लिखा, ‘प्रधानमंत्री मोदी समावेशी विकास की बात करते हैं लेकिन कंपनियां इस तरह का व्यवहार कर रही हैं। अगर मैं काबिल नहीं था, तो मुझे बता दिया जाना चाहिए था।’

जीशान ने कहा कि अब कंपनी कह रही है कि उससे टाइपिंग में गलती हुई है। उसने कहा, ‘मैं इस कंपनी में हरगिज काम नहीं करुंगा। कोई कंपनी इस तरह की टाइपिंग गलती नहीं करती।’

उधर कंपनी का जवाब है कि वो मेल गलती से भेज दिया गया और एक ऐसे कर्मचारी ने भेजा था जो  ट्रेनिंग में था। खबर है कि अब कंपनी ने उस ट्रेनी कर्मचारी को नौकरी से निकाल दिया है।