लखनऊ: पसमांदा मुस्लिम समाज की एक अहम  में  पिछड़े मुसलमानों की राजनैतिक एवं सामाजिक क्षेत्र में भागीदारी और बदहाली को लेकर चिंता व्यक्त की गयी। पसमांदा मुस्लिम समाज के प्रदेश  अध्यक्ष वसीम राईनी ने कहा कि समाजवादी पार्टी पिछड़ी जातियों की पार्टी मानी जाती है इसलिए हम समस्त पसमांदा मुसलमानों ने  2012 के विधानसभा चुनावों से पूर्व  मुलायम सिंह यादव की मौजूदगी में समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। मुलायम सिंह यादव  ने उस वक्त  वादा किया था कि एक साल के अन्दर आपकी सभी मांगे पूरी की जायेगी और भरोसा भी दिया था कि हम पिछड़े मुसलमानों को उनका अधिकार व सम्मान जल्द  दिया जायेगा। समाजवादी पार्टी की बहुमत की सरकार को बने 3 साल से ज्यादा का समय बीत गया, परन्तु पसमांदा मुस्लिम समाज की कोई भी मांग अब तक पूरी नही की गयी। पसमांदा मुसलमानों के समर्पण को लगातार नजरअंदाज किया गया एवं चापलूसों को जिसका केाई वजूद नहीं है वरीयता दी गयी। सरकार बनने के बाद से पसमांदा मुसलमान लगातार अपने हक व अधिकारों की आवाज बुलंद करता आया है परन्तु समाजवादी पार्टी के बड़े अगड़े मुस्लिम नेता पार्टी नेतृत्व को पसमांदा मुस्लिम समाज के विरूद्ध बरगलाने में कामयाब हो गये और पसमांदा मुसलमानों केा उनके हक से वंचित रखा गया। 

आज उत्तर प्रदेश  में कुल मुसलमानों की आबादी का 85 प्रतिशत   मुसलमान पिछली जाति से है, लेकिन अभी मुसलमानों को जो भी मान-सम्मान मिला वो सिर्फ अगड़ी जाति के 15 प्रतिशत मुसलमानों को ही मिला। बैठक में हाजी नबी बख़्श  ने कहा कि सरकार का रवैया पिछड़े मुसलमानों के विरोध में है जबकि अन्य वर्गोंं की पिछड़ी जातियों को उनकी आबादी के अनुपात से सभी क्षेत्रों में भागीदारी दी जा रही है, परन्तु पिछड़े मुसलमानों का शोषण  हो रहा है। मुसलमानों की कुल आबादी का 85 प्रतिषत मुसलमान पिछड़ी जाति का है परन्तु उसे भागीदारी मात्र 5 प्रतिश त दी गयी है जबकि फारवर्ड मुस्लिम की आबादी 15 प्रतिश त है और उसे सत्ता में भागीदरी 95 प्रतिश त दी गयी है आखिर यह नाइंसाफी समाजवादी नेतृत्व क्यांें कर रहा है। प्रदेश नेतृत्व ने जो पिछड़ी मुस्लिम जातियों के साथ भेद-भाव किया है, इससे पसमांदा मुसलमानों में आक्रोश  है। उन्होंने ने कहा कि विधानसभा की 9 सीटों पर चयन किया जाना है तथा जिन नामों की चर्चा चल रही है उसमें एक भी नाम पिछड़े मुसलमान का नहीं है। नबी बख्श ने कहा की हम पिछड़े मुसलमानों को अभी भी मुलायम सिंह  से बड़ी उम्मीदें है।

बैठक में यह फैसला लिया गया कि पिछड़े मुसलमानों की भागीदारी को लेकर अगले महीने प्रदेश  व जिला पदाधिकारी सभी जिला मुख्यालय पर  मुख्यमंत्री सम्बोधित जिलाधिकारी के माध्यम से पसमांदा मुस्लिम समाज के मांग पत्र को लागू करने का ज्ञापन देंगे।