कराची: अल्पसंख्यकों को निशाना बना कर किये गये आतंकी हमलों की घटनाओं के ताजा मामले में पाकिस्तान के दक्षिणी बंदरगाह शहर कराची में आज पुलिस की वर्दी पहने आठ बंदूकधारियों ने अल्पसंख्यक शिया इस्माइली मुस्लिम समुदाय के सदस्यों को लेकर जा रही एक यात्री बस पर हमला कर दिया और यात्रियों के सिर में गोली मार दी, जिसमें कम से कम 47 लोगों की मौत हो गयी।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मोटरसाइकिलों पर सवार छह से आठ हमलावरों ने पहले डाउ मेडिकल कॉलेज के निकट बस पर गोलीबारी कर दी और उसके बाद कराची में गुलिस्तां-ए-जौहर इलाके के सफोरा चोरंगी में बस रोक कर उसमें घुस गये। सिंध पुलिस महानिरीक्षक गुलाम हैदर जमाली ने संवाददाताओं को बताया, यह एक लक्षित हमला था। घटनास्थल से फरार होने से पहले हमलावरों ने 47 लोगों की हत्या कर दी और 20 से अधिक लोगों को घायल कर दिया। कुछ लोगों के गंभीर रूप से घायल होने के कारण मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ने की आशंका है। बचाव कर्मियों ने घायलों और मारे गये लोगों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमलावर बस में घुस गये और यात्रियों के सिर में गोली मार दी। किसी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन तालिबान और लश्कर-ए-झांगवी जैसे संगठन अक्सर इस तरह के हमले करते रहे हैं। हालांकि एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक इस्लामिक स्टेट आतंकवादी संगठन का एक पर्चा घटनास्थल से बरामद हुआ है, लेकिन सरकार ने अभी तक हमले के लिए किसी संगठन का नाम नहीं लिया है।

एक पीड़ित के हवाले से एक बचाव अधिकारी ने बताया कि हमलावर पुलिस की वर्दी में थे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह बस इस्माइली समुदाय के एक गैर लाभकारी संगठन अल-अजहर गार्डन कल्याण का था जो हमला वाले घटनास्थल के नजदीक कम दाम में लोगों को घर और मुफ्त परिवहन सेवा मुहैया कराती है। अधिकारी ने बताया, अधिकांश लोग नौकरी पेशा, विक्रेता या व्यापारी थे जो शहर की ओर जा रहे थे।

पुलिस और रेंजर्स घटनास्थल पर पहुंच गये हैं और तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। 60 से अधिक लोग ट्रेन में सवार थे। इस्माइली समुदाय शिया मुस्लिमों की एक शाखा है और इसे प्रगतिवादी इस्लामी विचारों के लिए जाना जाता है। राष्ट्रपति ममनून हुसैन और प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आतंकवादी घटना की कड़ी निंदा की है। शरीफ ने घटना को लेकर अधिकारियों से एक रिपोर्ट देने को कहा है।

शरीफ के काबुल यात्रा के एक दिन बाद यह हमला हुआ है जहां पर उन्होंने कहा था कि अफगानिस्तान का दुश्मन पाकिस्तान का भी दुश्मन है। यह पहली बार नहीं है जब कराची में शिया समुदाय के लोगों को निशाना बना कर हमला किया गया है। जनवरी में, सिंध प्रांत के शिकारपुर में एक आत्मघाती हमलावर ने एक शिया मस्जिद में खुद को उड़ा लिया था जिसमें 61 लोगों की मौत हो गयी थी।

जमाली ने बताया कि प्रारंभिक जांचों में पता चला है कि सशस्त्र हमलावरों ने हमले में नौ एमएम पिस्तौल का इस्तेमाल किया है। आईएसपीआर के महानिदेशक ने ट्वीट किया है कि हमले के कारण सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ ने पूर्वनिर्धारित श्रीलंका की तीन-दिवसीय अपनी यात्रा रद्द कर दी है। सिंध के मुख्यमंत्री सैयद क्यूम अली शाह ने इसे आतंकी हमला करार दिया है और कहा है कि दोषियों को पकड़ा जाएगा और न्याय किया जाएगा। उन्होंने मृतकों को 500,000 रुपये मुआवजा देने और घायलों का मुफ्त इलाज करने की घोषणा की है।