लखनऊ । राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे ने प्रदेश  सरकार पर किसानों के साथ सौतेला और अन्यायपूर्ण व्यवहार करने का आरोप लगाते हुये कहा है कि दैवीय आपदा के कारण अपनी फसलों की तबाही और बर्बादी के बाद अब किसानों को गेहूं क्रय केन्द्रों द्वारा पुनः तबाह और बर्बाद किया जा रहा है। 

आज जारी बयान में श्री दुबे ने कहा कि प्रदेष का किसान  अपना गेंहूं लेकर सरकारी क्रय केन्द्रों पर भटक रहा है और उसे खरीदने वाला वहां पर मौजूद नहीं है और किसान को अपना गेंहूं औने पौने दामों में बिचैलिये के हाथ बेचना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि एक तरफ प्रदेष के मुखिया वीडियों काॅन्फ्रंेसिंग कर प्रदेष के किसानों के साथ न्याय करने और उनका गेहूं उचित मूल्य पर खरीदने की घोषणा करते हैं वहीं उनकी घोषणा के बाद प्रदेष के सभी गेहूं क्रय केन्द्रों पर या तो ताला लगा रहता है और क्रय केन्द्र खुला रहता भी है तो न तो केन्द्र पर प्रभारी रहता और न ही कोई कर्मचारी जिससे किसान निराष होकर बिचैलियों के यहां पहंुचने को मजबूर होता है।

श्री दुबे ने सरकार से प्रदेष में गेहूं क्रय केन्द्रांे पर मनमानी को रोकने तथा सभी किसानों का गेहंू प्राथमिकता के आधार पर खरीदने की व्यवस्था तत्काल कराने की मांग करते हुये कहा है कि यदि किसान का गेहूं सही समय पर नहीं खरीदा गया तो पहले से ही तबाह और बर्बाद हो चुका किसान अगली फसल की बुआई और खेती के लिए खाद आदि का प्रबन्ध भी नहीं कर पायेगा। 

उन्होंने कहा कि प्रदेष में प्रकृति की मार से पीडि़त किसानों को न्याय दे पाने में प्रदेष सरकार पूरी तरह से असफल सिद्व हुयी है और पहले से ही कर्ज तले दबे किसान लगातार आत्हत्या करने को मजबूर हो रहे है और सरकार कोई भी कारगर कदम नहीं उठा पायी। सरकार द्वारा प्रदेष भर में बारिष और ओलावृष्टि को दो माह बीतने को हैं परन्तु अब तक पूरे प्रदेष में न तो किसानों का सर्वे हो पाया और न ही पीडि़त किसानों को मुआवजे की राषि मिली है। उन्होंने कहा कि सर्वे और मुआवजे में देरी व लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों पर कठोर कार्यवाही के बगैर सुधार होने वाला नहीं है।