नई दिल्ली। अपने परिवार के कारोबार में 14 साल से कम उम्र के बच्चे का काम करना अब बाल मजदूरी नहीं माना जाएगा। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को बाल श्रम कानून में प्रस्तावित संशोधनों को मंजूरी दे दी। अब तक के बाल श्रम कानून में 18 खतरनाक उद्योगों में 14 साल से कम उम्र के बच्चों से मजदूरी को अपराध माना गया था। लेकिन अब परिवार के कारोबार और कुछ दूसरे सेक्टर छोड़कर बाकी सभी में बाल श्रम को प्रतिबंधित किया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा से ठीक पहले उनकी अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में बुधवार को कई फैसले लिए गए। इनमें सबसे अहम रहा बाल श्रम कानून में संशोधन। इसके मुताबिक 14 साल से कम उम्र का बच्चा अपने परिवार के कारोबार या उद्योग में काम करता है तो उसे बाल मजदूरी नहीं माना जाएगा बशर्ते वो कारोबार बच्चे की सेहत और पढ़ाई के लिए नुकसानदेह ना हो। विधेयक के नए मसौदे में 14 साल से कम उम्र के बच्चों के ऑडियो-विजुअल एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में विज्ञापन, फिल्में, टीवी सीरियल में और खेलकूद के कार्यक्रमों(सर्कस को छोड़कर) में भी शिरकत करने की छूट रहेगी।

बाल श्रम कानून के उल्लंघन पर सजा बढ़ाने का प्रस्ताव भी नए मसौदे में है। इसके अलावा भी केंद्रीय कैबिनेट ने कई अहम फैसले लिए जिनमें सरकार का महत्वाकांक्षी नमामी गंगे प्रोजेक्ट शामिल है। गंगा सफाई से जुड़े इस प्रोजेक्ट में 20 हजार करोड़ रुपये की रकम पांच साल में खर्च की जानी है। कैबिनेट ने देश में कालेधन पर लगाम कसने के लिए बेनामी ट्रांजैक्शन संशोधन बिल को भी मंजूरी दी।

नए कानून से बेनामी प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त और अवैध रूप से की गई खरीदारी पर रोक लगाने की तैयारी है। इसके अलावा एनटीपीसी की पांच फीसदी और इंडियन ऑयल की 10 फीसदी हिस्सेदारी के विनिवेश पर भी कैबिनेट ने मोहर लगा दी। सरकार ने यूरिया कंपनियों को सब्सिडी देने के फॉर्मूले में बदलाव को भी स्वीकृति दे दी।