नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच इस साल दिसंबर में होने वाली क्रिकेट सीरीज के कार्यक्रम को आज एक नई मजबूती मिली। बीसीसीआई और पीसीबी की आपसी सहमति के बाद दिल्ली में आज भारत सरकार ने भी इस सीरीज को लेकर हरी झंडी दे दी।

पीसीबी के चैयरमैन शहरयार ख़ान के लिए पिछले हफ्ते भारत आने पर कोलकाता में उनके वीजा को लेकर विवाद हुआ और उन्हें काफी परेशानी हुई। लेकिन, बुधवार को दिल्ली से शहरयार अब अपने मुल्क के लिए खुशखबरी के साथ लाहौर वापस लौट रहें हैं।

बीसीसीआई अध्यक्ष जगमोहन डालमिया के साथ सार्वजिनक तौर पर सहयोग मिलने के वादे के बाद शहरयार खान ने दिल्ली में वित्तमंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की। इसके बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को वो खबर मिली जिसेका इंतजार उन्हें लंबे समय से था।

आईसीसी की एफटीपी यानि फ्यूचर टूअर प्रोग्राम के तहत इस साल के अंत में भारत-पाकिस्तान के बीच तीन टेस्ट, पांच वन-डे और दो टी-20 मैचों की सीरीज होनी है। मेजबान होने के नाते पाकिस्तान को इस सीरीज की तैयारी अभी से करनी होगी क्योंकि ये मैच पाकिस्तान की ज़मीं पर ना होकर दुबई, शारजाह और आबूधाबी के न्यूट्रल ग्राउंड्स में होंगे।

हालांकि, भारत-पाक रिश्तों के बीच कूटनीतिक उथलपुथल को ध्यान में रखते हुए शायद क्रिकेट प्रेमियों को इस बात से तसल्ली मिले कि कम से कम 2 साल बाद एक बार फिर से दोनों मुल्कों के बीच सीरीज खेली जाएगी।

पाकिस्तान के साथ क्रिकेट रिश्ते बहार करने का विरोध भी शुरू हो गया है। पूर्व क्रिकेटर और बीजेपी नेता कीर्ति आजाद ने विरोध प्रकट करते हुए कहा कि पाकिस्तान हमारे लोगों के सिर काट रहा है और हम उसके साथ मैच खेलने की बात कर रहे हैं। पाकिस्तान के साथ रिश्ते क्रिकेट खेलने से नहीं सुधर सकते हैं।

वहीं शिवसेना ने भी अपना विरोध प्रकट करते हुए पीएम से अपील की है कि वो एक बार फिर से इस पर विचार करें। शिवसेना नेता राहुल शिवले ने कहा कि पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने पर हमारा नजरिया बदला नहीं है। हम पाकिस्तान के साथ क्रिकेट संबंध का विरोध करते हैं। हमारी प्रधानमंत्री से अपील है कि वो एक बार फिर इस फैसले पर विचार करें।