वाशिंगटन। अमेरिका ने खोजी पत्रकार सीमोर हर्ष के आतंकी ओसामा बिन लादेन पर किए पाकिस्तानी अखबार के दावे को खारिज कर दिया है। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता के मुताबिक ओसामा को मारे जाने वाले अभियान की जानकारी गिने-चुने अमरीकी अधिकारियों को थी।

राष्ट्रपति ओबामा ने पहले ही ये फैसला कर लिया था कि किसी और देश को इसकी जानकारी नहीं दी जाएगी और पाकिस्तानी हुकूमत को भी इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई थी। अमेरिका के खोजी पत्रकार सीमोर हर्ष ने दावा किया था कि ओसामा, आईएसआई की कैद में था और अमेरिका ने पाकिस्तानी खुफिया विभाग के एक अधिकारी को पैसे देकर ओसामा की जानकारी हासिल की थी।

पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ ने सीमोर हर्ष के हवाले से लिखा था कि पाक खुफिया विभाग के एक पूर्व अधिकारी ने एक अरब साठ करोड़ रुपए के बदले लादेन की लोकेशन बताई थी। ये रकम 2001 में अमेरिका ने लादेन के सिर पर रखी थी। साथ ही, लादेन छिपा हुआ नहीं बल्कि ISI की कैद में था।

हर्ष ने ये भी कहा कि पाक का वो अधिकारी सेना से जुड़ा था और इन दिनों वॉशिंगटन में CIA के लिए बतौर सलाहकार काम कर रहा है। हर्ष के मुताबिक लादेन ऑपरेशन का फैसला कठिन था, लेकिन ओसामा को मारने की योजना के बारे में पाक को जानकारी थी। इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ओसामा के कत्ल के बाद जो कुछ कहा, वो पूरी तरह फिक्शनल था। हकीकत कुछ और ही है।

हर्ष के मुताबिक सउदी सरकार को भी ओसामा की लोकेशन की जानकारी थी और वो जानते थे कि ओसामा ISI की कैद में है। अमेरिका की म्रुाबूरी थी कि वो ओसामा की लोकेशन हिंदुकुश पहाड़ी बताए, जिससे पाक और अफगानिस्तान पर उसे संरक्षण देने का आरोप ना लगे। गौरतलब है कि ओसामा को 2 मई, 2011 को अमेरिकी सील कमांडो की टीम ने एबटाबाद में मार दिया था।