न्यूयार्क। पाकिस्तान ने नागरिकों के लिए पानी और स्वच्छ माहौल मुहैया करने के मामले में भारत को कहीं पीछे छोड़ दिया है। यह खुलासा एक कार्य-निष्पादन सूचकांक से हुआ।

अमरीका के ग्लोबल पब्लिक हेल्थ के चैपल हिल्स गिलिंग स्कूल स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ नार्थ कैरोलिना के द वॉटर इंस्टीट्यूट की ओर से तैयार सूचकांक में पाकिस्तान पांचवें नम्बर पर है, जबकि भारत को 92वां स्थान दिया गया है। सूचकांक में सबसे ऊपर स्थान पाने वाले देश वे हैं, जिन्होंने हाल के साल में दूसरे देशों की तुलना में ज्यादा सुधार किया है, जबकि निचले पायदान पर रहने वाले देश वे हैं, जहां दूसरे देशों की तुलना में सुधार में ठहराव या गिरावट आई है।

हालांकि भारत को मिला 92वां स्थान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया “स्वच्छ भारत अभियान” से पहले का है। किसी भी देश में लोगों के लिए पानी और स्वच्छ वातावरण की उपलब्धता और लोगों में इन सुविधाओं की असमानता के मूल्यांकन के आधार पर तैयार किए गए कार्य-निष्पादन सूचकांक के मुताबिक, उप-सहारा अफ्रीकी देशों जैसे माली, दक्षिण अफ्रीका और इथियोपिया सीमित संसाधनों के बावजूद सूचकांक में ऊपर स्थान पाने वाले देशों में शामिल हैं।

सूचकांक में ऊपर रहने वाले देशों में चीन, अल-सल्वाडोर, नाइजर, मिस्त्र और मालदीव शामिल हैं, जबकि निचले पायदान पर रहने वालों में रूस, फिलीपींस और ब्राजील हैं। इस सूचकांक को तैयार करने के क्रम में राष्ट्रों के आकार और आय की भी तुलना की गई, जिससे यह पता चला कि किसी राष्ट्र का सकल घरेलू उत्पाद वहां के नागरिकों को पानी और स्वच्छ वातावरण उपलब्ध कराने की दिशा में सुधार की स्थिति का निर्धारण नहीं करता है।

वाटर इंस्टीटयूट के निदेशक जेमी बैर्टरम ने कहा कि इसका मतलब यह हुआ कि सीमित संसाधनों वाले राष्ट्र भी तेजी से स्थिति में सुधार ला सकते हैं, यदि वे उपयुक्त परियोजनाएं और अभियान अपनाएं।