दंतेवाड़ा : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार नक्सलवादियों से कहा कि वह हिंसा छोड़कर अमन के रास्ते पर चलें ताकि मौत का तांडव खत्म हो और विकास का मार्ग प्रशस्त हो। तीस बरस में यह पहला मौका है जब देश के किसी प्रधानमंत्री ने नक्सलवादियों के इस गढ़ की यात्रा की है।

मोदी ने छत्तीसगढ़ के अपने संक्षिप्त प्रवास के दौरान माओवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित बस्तर क्षेत्र के लिए 24,000 करोड़ रुपए की कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की, जिनमें एक विशाल इस्पात संयंत्र, एक रेलवे लाइन सहित विभिन्न विकास परियोजनाएं शामिल हैं।

पीएम मोदी ने कहा, कंधे पर बंदूक नहीं बल्कि हल होने से ही विकास होगा। और इससे हर कोई देश की मुख्य धारा से जुड़ सकेगा। हिंसा का कोई भविष्य नहीं है। भविष्य सिर्फ शांतिपूर्ण कार्यों में है। मोदी ने कहा, नक्सल आंदोलन के जन्मस्थल नक्सलवाड़ी ने पहले ही हिंसा का रास्ता छोड़ दिया है। निराश न हों, मौत का तांडव खत्म होगा। बस्तर के आदिवासी इलाके का दंतेवाड़ा क्षेत्र खनिज संसाधनों खासकर लौह अयस्क से भरपूर है। इस क्षेत्र में नक्सली हमले होते रहे हैं जिनमें 2010 का वह खौफनाक हमला शामिल है, जिसमें 79 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे। प्रधानमंत्री ने बागियों से कहा कि कुछ दिन के लिए अपनी बंदूकें रख दें और उनकी हिंसा से जो परिवार प्रभावित हुए है। उनसे मिलें। यह अनुभव आपको आपका मन बदलने पर मजबूर कर देगा और आपको हिंसा का रास्ता छोड़ने की प्रेरणा देगा। इस बीच, निकटवर्ती दंतेवाड़ा आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा का कोई भविष्य नहीं है। उन्होंने कहा कि कंधे पर हल से विकास हो सकता है, बंदूक से नहीं । मोदी ने कहा कि मौत का तांडव खत्म होगा। अपने दिनभर के छत्तीसगढ़ दौरे में प्रधानमंत्री नक्सलवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित दक्षिण बस्तर जिले में कई विकास परियोजनाओं की शुरुआत करने वाले हैं।

दंतेवाड़ा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, रेल सिर्फ यात्रा नहीं जीवन को गति देता है। जगदलपुर रेल लाइन बस्तर को देश से जोड़ेगा। बस्तर की जिंदगी में बड़ा बदलाव होगा। पहले विकास का काम धीमा था लोग निराशा में डूबे थे। हमारा एक ही संकल्प युवाओं को रोजगार मिले। हम किसान और गरीब बच्चे के लिए रोजगार चाहते हैं।  पहले आदिवासी नमक के लिए जंगल में जाते थे। रमन सिंह ने घर-घर में नमक पहुंचाया। भाषण में नक्सलियों को पीएम मोदी ने संदेश दिया। कंधे पर हल नक्सलबाड़ी की समस्या का समाधान है। नक्सलबाड़ी के लोग हिंसा का रास्ता छोड़ चुके हैं। नक्सलबाड़ी में लोग खून बहना बंद कर चुके हैं। कंधे पर हल समस्या का समाधान, गन नहीं है समाधान। पीएम ने नक्सलियों से हिंसा छोड़ने की अपील की।