लखनऊ: उ0प्र0 में जहां कानून व्यवस्था समाप्त हो चुकी है, जहां भ्रष्टाचार चरम सीमा पर पहुंच चुका है, लोक सेवा आयोग भर्ती, माध्यमिक शिक्षा भर्ती, पुलिस भर्ती सहित तमाम भर्तियों में भ्रष्टाचार और घोटाले जहां उच्च न्यायालय के माध्यम से जनता के सामने आये हैं वहीं लखनऊ में खुनखुन जी गल्र्स डिग्री कालेज की एक छात्रा को अखिलेश यादव सरकार के भ्रष्टाचार की बलि बेदी पर चढ़ जाना पड़ा है। यह प्रदेश के जनमानस के लिए जहां अत्यंत दुःखद है वहीं अत्यंत शर्मनाक, अफसोसजनक व निन्दनीय घटना है।  

प्रदेश कंाग्रेस के जोनल प्रवक्ता अरूण प्रकाश सिंह ने बताया कि आरक्षण एवं पुलिस भर्ती घोटाले से पीडि़त होकर राजधानी के काकोरी ब्लाक के मलहा गांव की सरिता द्विवेदी द्वारा आत्महत्या किये जाने की घटना पर आज प्रदेश कंाग्रेस कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन एवं पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी, कंाग्रेस प्रवक्ता अरूण प्रकाश सिंह, जिला कंाग्रेस कमेटी लखनऊ के अध्यक्ष श्री गौरव चैधरी, जनसमस्या निस्तारण प्रकोष्ठ की चेयरमैन श्रीमती नूतन बाजपेयी, श्रीमती मनु सिंह एवं श्रीमती अनन्ता तिवारी आदि कांग्रेस नेताओं ने पीडि़त परिजनों से मुलाकात की एवं सांत्वना दी।

श्री सिंह ने कहा कि चूंकि मृतका को एन.सी.सी. का बी. सर्टिफिकेट मिला हुआ था और एनसीसी सेना का हिस्सा है ऐसे में मिलिट्री, पैरा मिलिट्री एवं पुलिस की भर्तियों में जो प्राथमिकता मिलती है उसे मृतक सरिता द्विवेदी को नहीं दिया गया जो पूरी तरह अन्याय एवं भ्रष्टाचार का द्योतक है। 

श्री सिंह ने बताया कि इस मौके पर कंाग्रेस नेताओं ने मांग की है कि पीडि़त परिवार को राज्य सरकार अविलम्ब 25 लाख रूपये आर्थिक मुआवजा दे एवं पुलिस भर्ती घोटाले में शामिल दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करे तथा उ0प्र0 के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव स्वयं इस घटना को गंभीरता से लेते हुए मृतका के भाई एवं बहन को सरकारी नौकरी प्रदान करें। इसके साथ ही मा0 उच्च न्यायालय जिसने पुलिस भर्ती घोटाले को संज्ञान में लिया है उस बेंच से अपील की है कि इस आत्महत्या को संज्ञान में लेते हुए पुलिस भर्ती घोटाले का अंग मानकर उन अधिकारियों पर भी कार्यवाही करे जिनके कृत्य से मृतक सरिता द्विवेदी को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा।