लखनऊ । उत्तर प्रदेश राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित श्रम कानूनों में संशोधन स्वीकार नही। इन संशोधनों का प्रदेश के मजदूरों द्वारा विरोध किया जायेगा। उक्त जानकारी सेन्टर आफ इण्डियन ट्रेड यूनियन (सीटू) के प्रान्तीय महामंत्री श्री प्रेम नाथ राय ने अपने प्रेस विज्ञप्ति में कही है। 

ज्ञातव्य हो कि कल प्रमुख सचिव श्रम ने सभी ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई थी । इस बैठक में राज्य सरकार द्वारा श्रम कानूनों – उत्तर प्रदेश औद्योगिक विवाद अधिनियम, कन्ट्रैक्ट अधिनियम, कारखाना अधिनियम और वेतन भुगतान अधिनियम -में प्रस्तावित संशोधनों के बारे में श्रम प्रतिनिधियों से चर्चा की गई। सरकार का पक्ष था कि प्रदेश में ओैद्योगिक विकास के लिये निवेशकों को आकर्षित करने के लिये राजस्थान सरकार की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में श्रम कानूनों का संशोधन किया जाय।  श्रमिक प्रतिनिधियों ने वेतन भुगतान अधिनियम में वेतन चेक/बैंक एकाउण्ट से भुगतान करने के प्राविधान का स्वागत किया। इसके आलावा सभी संशोधनों को मजदूर विरोधी बताते हुये अस्वीकार कर दिया। 

बैठक में सरकार की तरफ से प्रमुख सचिव श्रम अरूण कुमार सिन्हा,  विशेष सचिव हीरालाल , श्रमायुक्त उत्तर प्रदेश सुश्री शालिनी प्रसाद, अपर श्रमायुक्त  प्रदीप श्रीवास्तव एवं श्रमिक प्रतिनिधियों में सीटू के प्रदेश अध्यक्ष आर एस बाजपेयी, महामंत्री प्रेम नाथ राय, एटक के प्रदेश अध्यक्ष अरविन्दराज स्वरूप महामंत्री सदरूद्दीन राणा, एचएमएस के महामंत्री उमाशंकर मिश्रा एवं उपाध्यक्ष गया भूषण, इण्टक के प्रदेश अध्यक्ष अशोक सिंह, एच एन तिवारी, नेफटु के श्री राम यस सिंह तथा भारतीय मजदूर संघ के श्री प्रेम सागर मिश्रा उपस्थित थे।

श्रमिक प्रतिनिधियों ने कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा किये गये श्रम कानूनों में संशोधनों के खिलाफ मजदूर आन्दोलनरत है। देश व्यापी विरोध किया जा रहा है। सरकार अपने कदम वापिस नहीं लेगी तो मजदूर आन्दोलन तेज करेगेें। आने वाले दिनों में राष्ट्रव्यापी हड़ताल भी करेगे।