मन की बात करके पूरे देश के किसानों को धोखा देने का काम कर रहे हैं मोदी 

लखनऊ । “केन्द्र में भारतीय जनता पार्टी की नहीं भारतीय जुमला पार्टी की सरकार” यह बात राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश मुख्यालय पर किसानों से सीधा संवाद करने के बाद पत्रकार बन्धुओं से वार्ता करते हुये राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चै0 अजित सिंह ने कही। उन्होंने केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा किसानों की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुये कहा कि केन्द्र व प्रदेष सरकार द्वारा किसानों को दी जा रही राहत अपर्याप्त है। जिस तरह से गन्ना, धान, आलू, गेहूं, सरसों आदि फसलों का एक साथ नुकसान हुआ है वह सदी की सबसे बड़ी त्रासदी है। इसके बावजूद दोनो सरकारे किसानों को राहत न देकर फर्ज अदायगी कर रही हैं। केन्द्र सरकार ने कोयला आवंटन में 200 करोड़ तथा एयर वेव की नीलामी में 100 करोड रूपये की अतिरिक्त आमदनी की है यदि उसमें से मात्र 100 करोड़ रूपये किसानों को दे दिया जाय तो किसान ऋण मुक्त हो सकता है क्योंकि यू0पी0ए0-1 सरकार द्वारा की गयी कर्ज माफी में मात्र 71 करोड़ रूपये सरकार को देने पड़े थे। उन्होंने आगे बताया कि किंगफिषर के मालिक विजय माल्या द्वारा ही 900 हजार करोड रूपये का एन0पी0ए0 एकाउन्ट है जबकि पूरे देष के किसानों पर 100 करोड़ से भी कम कर्जा होगा। फिर भी केन्द्र सरकार किसानों के कर्जमाफी में असमर्थता प्रकट कर रही है। उन्होंने केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुये कहा कि उनके द्वारा यह कहा जाना कि किसान इस गलतफहमी में न रहे कि उनका कर्जा माफ हो जायेगा। अजित सिंह ने कहा कि यदि किसान एकजुट हो गये और उन्होंने आर्थिक हितों को पहचान लिया तो राजनाथ सिंह और उनकी पार्टी इस गलतफहमी में न रहे कि दुबारा ये लोग संसद का मुंह देख पायेंगे। प्रदेष सरकार द्वारा भी सैफई के विकास के लिए 800 करोड़ तथा पूरे प्रदेष के किसानों को राहत देने के लिए मात्र 500 करोड़ ही देना उसकी मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने दैवीय आपदा में असामयिक काल के गाल में समाये किसानों के परिजनों को 15 लाख रूपये और 27 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा देने की मांग की। 

अजित सिंह ने कहा कि किसानों को दी जा रही राहत से तो उनके खेतों की सफाई भी सम्भव नहीं है तो बैंक से कर्जदार होने के कारण अगली फसल की बुआई में भी किसान असमर्थ हो जायेगा। आज सबसे बड़ी आवष्यकता कि किसानों का कर्ज माफ करके उन्हें बीज खाद उपलब्ध कराकर अगली फसल की बुआई करायी जाय जिससे किसानों की जिन्दगी दुबारा से पटरी पर आ सके। चै0 साहब ने प्रदेष सरकार द्वारा कराये जा रहे सर्वे पर सवालिया निषान लगाते हुये कहा कि यदि सरकार की मंषा साफ है तो सैटेलाइट से सर्वे कराकर किसानों के साथ न्याय कर सकती है। उन्होंने कहा कि जिस तरह चै0 चरण सिंह के कार्य किसान हित के लिए मील का पत्थर साबित हुये उसी तरह मौका मिलने पर मैंने उद्योग मंत्री रहते हुये चीनी मिलों की स्थापना की दूरी 40 किमी से घटाकर 15 किमी0 की तथा कृषि मंत्री रहते हुये किसानों के कर्ज की ब्याज दर 15 प्रतिषत से घटाकर 7 प्रतिषत की। जबकि चुनाव पूर्व मोदी ने 120 सभाओं में किसानों की उपज की लागत का डेढ़ गुना मूल्य देने का तथा 100 दिन में कालाधन विदेष से वापस लाकर देषवासियों के खाते में 15-15 लाख रूपये जमा कराने का वादा किया था, जो सफेद हाथी साबित हुआ।

उन्होंने केन्द्र द्वारा नया भूमि अधिग्रहण अध्यादेष लाने पर सवाल उठाते हुये कहा कि पिछला कानून दो साल की बहस तथा वर्तमान लोकसभा अध्यक्ष व तत्कालीन भाजपा नेता सुमित्रा महाजन की अध्यक्षता में बनी स्टैण्डिग कमेटी में चर्चा करके पास किया गया था। बिल पास होने के पूर्व तत्कालीन नेता विपक्ष सुषमा स्वराज द्वारा सदन में बिल पास कराने में अपने द्वारा किये गये योगदान पर स्वयं अपनी पीठ थपथपाया तथा राजनाथ सिंह ने भूमि अधिग्रहण पुर्नवास अधिनियम के कानून बनाने पर भारतीय जनता पार्टी के योगदान पर आत्म विभोर हुये थे अब उसी बिल को वर्तमान मोदी सरकार द्वारा किसान व विकास विरोधी कहा जाना हास्यास्पद है। उन्होंने कहा कि मोदी जी मन की बात करके पूरे देश के किसानों को धोखा देने का काम कर रहे हैं। उनके द्वारा नहर, सड़क व षिक्षा के क्षेत्र में पिछले कानून को रूकावट बताना दुर्भाग्यपूर्ण है। जबकि वर्तमान कानून केवल पी0पी0पी0 माॅडल में बनने वाले प्रोजेक्ट तथा निजी कम्पनियों द्वारा निर्मित प्रोजेक्ट को लाभ पहुंचाने के लिए बनाया गया है। चै0 साहब ने आरोप लगाया कि चुनाव पूर्व 12000 करोड़ रूपये प्रचार में खर्च करने का खामियाजा देष के किसान भुगत रहे हैं और नया अधिग्रहण अध्यादेष उसी कर्जे को चुकानी की एक कोषिष है। उन्होंने गंगा सफाई व स्वच्छता अभियान पर भी उंगली उठाते हुये कहा कि पहले गंगा के तट पर बसे हुये शहरों की गंदगी तथा स्वच्छता अभियान से एकत्रित कूड़े के निस्तारण की व्यवस्था किये बिना इसका सफल हो पाना सम्भव नहीं है चाहे इसके लिए एक नहीं पांच मंत्रालय बना लिये जाय। चै0 साहब ने कहा कि मोदी का पूरा ध्यान विदेष यात्रा पर है किसानों से उनका कोई लेना देना नहीं है, जब तक किसान एकजुट नहीं होंगे तब तक देष व प्रदेष की सरकारे किसानों की अनदेखी करती रहेगी। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी हिन्दुत्व की अलम्बरदार बनती है जबकि उसने आज तक हिन्दुओं के लिए कुछ नहीं किया, राम मन्दिर निर्माण तथा कष्मीर में धारा 370 समाप्त करने की बाते भी खोखली साबित हुयी। कार्यकर्ताओं से अपील करते हुये उन्होंने कहा कि वे किसानों के बीच में जाय और किसानों के हित के लिए उनके साथ मिलकर संघर्ष करे और उनके आर्थिक हित को समझाते हुये झूठे वादा करने वालों से बचने की सलाह दी। चुनाव घोषणा पत्र में भारतीय जनता पार्टी ने वादा किया था कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करेगी परन्तु लागू नहीं किया।

प्रेस वार्ता के उपरान्त चै0 साहब ने माननीय राज्यपाल महोदय से औपचारिक मुलाकात करके प्रदेष के ताजा हालातों पर चर्चा की।