नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को केंद्रीय सूचना आयुक्त (सीआईसी) के रिक्त पद को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की और कहा कि सरकार खुद को जांच से बचाने की कोशिश के तहत ऐसा कर रही है।
सोनिया ने लोकसभा में मुद्दे को उठाते हुए कहा, “मैं मुख्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति में सरकार की तरफ से हुई निंदनीय खामी की तरफ ध्यान खींचना चाहूंगी।”उन्होंने कहा, “यह पद पिछले आठ महीने से रिक्त है। केंद्रीय सूचना आयोग के तीन सूचना आयुक्तों के पद भी रिक्त पड़े हुए हैं।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने सुबह इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव लाया और कहा, “संप्रग सरकार ने यह सुनिश्चित किया था कि सीआईसी का पद कभी रिक्त न रहे।”उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री ने पारदर्शिता और सुशासन के मुद्दे पर कई वादे किए हैं और वादे अभी भी जारी हैं।”
सोनिया ने कहा, “लेकिन इस सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि सीआईसी में पद रिक्त रहें, ताकि प्रधानमंत्री कार्यालय, सर्वोच्च न्यायालय और रक्षा मंत्री को सूचना का अधिकार कानून के उल्लंघन के लिए जवाबदेह न बनाया जा सके और वे जांच से बच जाएं।”
उन्होंने कहा, “सरकार बेरहमी से आरटीआई अधिनियम को कमजोर करने तथा खुद को बचाने की कोशिश कर रही है।”सोनिया ने प्रधानमंत्री पर सत्ता के केंद्रीकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार एक व्यक्ति की तथा कुछ चुनिंदा लोगों के लिए है।
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