पब्लिसिटी पर खर्च के बजाय गरीब परिवारों के लिये शौचालय बनवाये मोदी सरकार

लखनऊः उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य व नगर विकास मंत्री आजम खां ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता अभियान पर हो रहे बेतहाशा खर्च पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इतने बड़े पैमाने पर इस अभियान पर पैसा खर्च करने के बाद भी स्वच्छता अभियान केवल विज्ञापन के रूप में दिखाई दे रहा है।

आजम खां ने प्रेस का जारी अपने बयान में कहा कि लगभग एक वर्ष से सभी टीवी चैनलों और समाचार पत्रों पर स्वच्छता अभियान को लेकर भारत सरकार द्वारा जितना खर्च किया जा रहा है वह स्वयं में इतिहास है। आजम ने खेद जताते हुए कहा कि स्वच्छता अभियान केवल विज्ञापन के रूप में दिखाई दे रहा है। यदि सूचना विभाग हिसाब लगाये कि देशभर में कितना पब्लिसिटी पर खर्च हुआ तो पायेंगे कि इतने धन में कम से कम 50 लाख से एक करोड़ परिवारों के लिये शौचालय की व्यवस्था हो गयी होती। आजम ने कहा कि केवल पब्लिसिटी से ही किसी राष्ट्र का विकास नहीं होता, बल्कि उसके लिये कुछ करना भी पड़ता है।

आजम ने सुझाव दिया कि प्रचार-प्रसार पर खर्च होने वाले धन को विशेष रूप  से गांवों में रहने वाले मजदूरों के परिवारों के लिये शौचालय बनाने की कोई कार्ययोजना तुरन्त तैयार की जाय ताकि बचे हुए चार सालों में कम से कम 50 लाख गरीब परिवारों के लिये शौचलय बन सकेे।