लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि सत्ता मद में चूर सपाईयों को लूट-खसोट से फुर्सत मिलेगी तब तो प्रचार-प्रसार में जुटेंगे। प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि किसान वर्ष मना रही अखिलेश सरकार के राज में किसान दुर्दशाग्रस्त है। गन्ना किसानों का 10 हजार करोड़ से ऊपर का बकाया है, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कह रहे है शीघ्र भुगतान कराया जाएगा। किन्तु यह शीघ्र कब तक आयेगा पता नहीं क्यों कि 153 करोड़ तो 13-14 का तथा 9 करोड़ 12-13 का ही भुगतान के लिए शेष है।

मंगलवार को पार्टी मुख्यालय पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा गन्ना किसानों के भुगतान के सवाल पर पत्रकारों के उत्तर में मुख्यमंत्री द्वारा यह कहने पर की शीघ्र भुगतान किया जायेगा, प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि वर्तमान पेराई सत्र में कुल 20,427.35 करोड़ रूपये का गन्ना मिलों तक पहुंचा और 10,184.08 करोड़ का ही भुगतान हो पाया है। 193.70 करोड़ रूपये ब्याज के भी बकाये की रकम शेष है। तमाम सरकारी दावो के बीच हालात यह है कि पिछले पेराई सत्र का 153.30 करोड़ रूपये का आज तक भुगतान नहीं हो पाया है।

उन्होंने कहा कि किसान का हमदर्द बनने की होड में जुटी समाजवादी पार्टी सरकार किसान की बजाय मिल मालिकों के पक्ष और समर्थन में खड़ी है। उनके लिए रियायतो का पिटारा खोले मुख्यमंत्री यह क्यों नहीं महसूस करते है कि दैवीय आपदा से किसान टूट सा गया है ऐसे में तत्परता से किसान के बकाये का भुगतान कराया जाना चाहिए। फिर गन्ना किसानों के बकाये के भुगतान के लिए शासन स्तर पर क्या कोई मानिटरिंग सेल बनाया गया है, भुगतान शीघ्र होने का आश्वासन देते मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शीघ्र भुगतान हो इसकी व्यवस्था भी तो करें।

श्री पाठक ने कहा कि आपदा राहत में सियासी बयानबाजी पर उतारू अखिलेश सरकार एक तरफ तो कह रही है कि केन्द्र कोई मदद नहीं कर रहा है जो कर रही है प्रदेश सरकार कर रही है, जबकि आज खुद मुख्यमंत्री ने जब प्रमुख सचिव वित्त को मीडिया से मुखातिव किया तो उन्होंने कहा कि 253 करोड़ की रााशि आ चुकी है और आपदा राहत के लिए शेष राशि के भुगतान के आश्वासन केन्द्र से मिले है। जब केन्द्र की टीम सर्वे कर चुकी है, प्रस्ताव और प्रारूप के माध्यम से अधिकारी स्तर पर कार्य हो रहा है, तो फिर श्रेय लेने के चक्कर में गलत तथ्य क्यो बताये जा रहे है। 

उन्होनंे सवाल करते हुए कहा प्रदेश सरकार ही बता दे कि आपदा राहत मद में उसे कितनी-कितनी धनराशि गए तीन वर्षो में प्राप्त हुई है तथा उसे कैसे-कैसे उपयोग किया गया है। जग जाहिर है कि आपदा राहत राशि में जो भ्रष्टाचार और बंदरबांट हुई उस पर सीएजी तक ने आपत्ति उठा रखी है।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा पहले भी मुख्यमंत्री कहते रहे है कि हम प्रचार-प्रसार नहीं कर पा रहे है, अब फिर कह रहे है कि जनता पहचानती नहीं है। बांदा में तो उन्हें असलियत ही समझ में आ गयी। जब सरकार का सूचना तंत्र महज भ्रष्टाचार में डूबा रहेगा तथा पार्टी कार्यकर्ता सत्ता मद में चूर लूट खसोट के खेल में जुटे रहे तो तथाकथित उपलब्धियों को जनता के बीच क्या विपक्ष ले जायेगा।