लखनऊ: उ0प्र0 संस्थागत वित्त एवं बीमा निदेशालय उ0प्र0 के महानिदेशक शिव सिंह यादव ने बताया कि प्रदेश में चक्रवाती तूफान, अतिवृष्टि/ओलावृष्टि से प्रदेश के 67 जनपद, प्रभावित हुए है जिससे फसलों को अत्यधिक क्षति हुई है। उक्त स्थिति में प्रभावित कृषकों को राहत प्रदान करने हेतु बीमा कम्पनियों द्वारा तत्काल क्षतिपूर्ति की धनराशि का भुगतान किया जाना आवश्यक है। संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के अंतर्गत यह प्राविधानित है कि प्रतिकूल मौसमी स्थितियों में बीमा इकाई स्तर पर फसल विशेष की सम्भावित उपज सामान्य उपज के 50 प्रतिशत से कम होने की स्थिति में बीमित कृषकों को संभावित क्षतिपूर्ति के अधिकतम 25 प्रतिशत तक क्षतिपूर्ति के रूप में संबंधित इन्श्योरेंस कम्पनी द्वारा तत्काल भुगतान किया जाए। इस हेतु अधिसूचना में निर्धारित समयसीमा का बैंक स्तर पर अनुपालन सुनिश्चित करते हुए त्रुटिरहित घोषण पत्र व प्रीमियम की धनराशि बीमा कम्पनियों को पे्रषित किया जाना आवश्यक है परन्तु कतिपय जनपदों से यह सूचना प्राप्त हुई है कि बंैक स्तर से उक्त कार्यवाही पूर्ण न किए जाने के फलस्वरूप प्रभावित कृषकों को क्षतिपूर्ति का लाभ नहीं हो पा रहा है।

महानिदेशक श्री यादव ने बताया कि प्रदेश के 10 जनपदों सोनभद्र, जौनपुर, फैजाबाद, रायबरेली, शाहजहांपुर, मथुरा, मैनपुरी, मिर्जापुर, फतेहपुर व मुरादाबाद में मौसम आधारित फसल बीमा योजना लागू है तथा शेष जनपद संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना से आच्छादित है। संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना में खरीफ में 31 जुलाई व रबी में 31 दिसम्बर तथा मौसम आधारित फसल बीमा योजना में खरीफ में 30 जून व रबी में 15 दिसम्बर तक की निर्धारित समयानुसार प्रीमियम की धनराशि कवरेज के अंतर्गत पात्र थे परन्तु बैंको के स्तर से निर्धारित समयानुसार प्रीमियम की धनराशि संबंधित बीमा कम्पनियों को प्रेषित न किए जाने के फलस्वरूप प्रभावित कृषकों को क्षतिपूर्ति का लाभ प्राप्त नहीं हो पा रहा है। यह अत्यंत गंभीर स्थिति है। आवश्यकता इस बात की है कि बैंक के उच्च प्रबंधन द्वारा उक्त स्थिति में प्रभावित कृषकों को बीमा क्षतिपूर्ति का भुगतान सुनिश्चित  करने हेतु आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए है।

श्री यादव ने बताया कि बैंको/बीमा कम्पनियों के अधिकारियों से कहा गया है कि  निम्न बिन्दुओं पर शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। प्रीमियम के साथ त्रुटिरहित घोषणा पत्र का प्रेषण किया जाना है जिससे सीमा इकाई क्षेत्र व फसल का स्पष्ट उल्लेख हो। बैंको द्वारा बताया जाना अपेक्षित है कि त्रुटिरहित घोषणा पत्र का प्रेषण शत-प्रतिशत किया जा चुका है। बीमित कृषकों को संभावित क्षतिपूर्ति के अधिकतम 25 प्रतिशत तक राहत के रूप में संबंधित इन्श्योरेंश कम्पनी द्वारा तत्काल भुगतान किया जाना है। इस संबंध में संबंधित बीमा कम्पनियों द्वारा स्थिति स्पष्ट किया जाना अपेक्षित है। केवल अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित फसल हेतु प्रीमियम कटौती कर बीमा कम्पनी को प्रेषित की जाए। बीमित कृषकों की सूची बीमा कम्पनियों को निर्धारित समय में प्रेषित की जाए। कृषकों को प्रीमियम प्राप्ति की रसीद उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित किया जाय। बीमा कम्पनियों द्वारा कृषकों को उपलब्ध कराई गई क्षतिपूर्ति विषयक सूचना पाक्षिक आधार पर इस महानिदेशालय एवं एस0एल0बी0सी0 को भी उपलब्ध कराई जाए। अग्रणी  बैंकों से अनुरोध है कि वे अपने-अपने अग्रणी जनपदों में विशेष बी0एल0बी0सी0 की बैठकों का आयोजन साप्ताहिक अंतराल पर कराएं तथा बैठकों में प्रभावित कृषकों को भी आमंत्रित किया जाए तथा उन्हें इन बैठकों में रिश्ड्यूलिंग/कनवर्जन/नये ऋण उपलब्ध  कराये जाने की प्रक्रिया से अवगत कराया जाए। इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों एवं बैंकों को पूर्व ही निर्देश जारी किए गए है।

महानिदेशक श्री यादव ने कहा कि प्रभावित कृषकों के बकाए की वसूली हेतु किसी प्रकार का मांग पत्र/नोटिस जारी न किया जाए तथा प्रभावित कृषकों के विरूद्ध किसी प्रकार की उत्पीड़ात्मक कार्यवाही न की जाए। राज्य सरकार द्वारा जारी चैकों को बैंको द्वारा ‘एैट-पार‘ क्लीयरिंग किया जाए। बैंको के स्तर से पाक्षिक आधार पर रिश्ड्यूलिंग/कनवर्जन/नये ऋण उपलब्ध  कराये जाने विषयक सूचना इस महानिदेशक को उपलब्ध कराई जाए तथा इसकी एक प्रति एस0एल0बी0सी0 को भी प्रेषित की जाए।