इस्लामाबाद : पाकिस्तान की एक अदालत ने मलाला यूसुफ़ज़ई पर हुए हमले के मामले में 10 लोगों को आजीवन क़ैद की सज़ा सुनाई है।  मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ ये फ़ैसला ख़ैबर पख़्तूनख़्वाह की एक अदालत ने सुनाया।  अधिकारियों का कहना है कि ये सभी 10 लोग तहरीके तालिबान पाकिस्तान के सदस्य हैं। 
वर्ष 2012 में मलाला यूसुफ़ज़ई को गोली मारी गई थी, उस समय वे 15 साल की थी। स्वात घाटी में एक बस से स्कूल जाते समय उन पर हमला किया गया था।  बच्चों के अधिकार के लिए अभियान चलाने वाली मलाला को वर्ष 2014 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।