लखनऊः जमीअत उलमा उत्तर प्रदेश की कार्यकारिणी की एक महत्वपूर्ण बैठक राज्य कार्यालय कैसरबाग लखनऊ हाफिज सिद्दीक बैठक हॉल में आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष मौलाना सैयद अशहद रशीदी ने की। बैठक में विशेष रूप से जमीअत उलेमा हिंद के महासचिव के परिपत्र के अनुसार आगामी अवधि की अध्यक्षता के लिए संविधान के अनुसार एक या एक से अधिक नाम की सिफारिश करनी थी। आवश्यक कार्रवाई के बाद  मुफ्ती अशफाक अहमद आजमी ने सदस्यों के सामने जमीअत उलेमा हिंद के अध्यक्ष के चुनाव से संबंधित संविधान की व्याख्या की और कहा कि जमीअत उलेमा हिंद के अध्यक्ष के चुनाव का संवैधानिक अधिकार देश के सभी राज्य जमीअतो का है। यह प्रक्रिया अवधि के समाप्त होने से तीन महीने पहले होती हैए वर्तमान अवधि जुलाई 2015 में समाप्त हो रही हैए सदस्यों को संवैधानिक अधिकार है वह एक या एक से अधिक नाम अगले अवधि की अध्यक्षता के लिए प्रस्तुत कर सकते हैं। सभी राज्यों से एक नाम या अक्सर राज्यों से दो में से एक नाम पर सहमति के मामले में वही नाम का चयन करार पाएगाए जमीअत उलमा उत्तर प्रदेश के महासचिव  मौलाना अब्दुल हादी ने हजरत मौलाना सैयद अरशद मदनी साहब की क्षमता व योग्यता बेमिसाल बलिदान ए निःस्वार्थ सेवाओं को स्वीकार करते हुए कहा कि यह नाम तो भारत के हर नागरिक के दिल की आवाज बन चुका है। इसलिए आगामी अवधि के लिए हज़रत मौलाना सैयद अरशद मदनी साहब के नाम की सिफारिश भेजी जाए। मुफ्ती अशफाक अहमद आजमी ने हज़रत मौलाना सैयद अरशद मदनी साहब के नाम के अलावा नाम पेश करने के विकल्प सदस्यों के सामने व्यक्त मगर कोई दूसरा नाम किसी ने नहीं पेश किया। इसलिए आगामी अवधि की अध्यक्षता के लिए हज़रत मौलाना सैयद अरशद मदनी साहब का नाम सर्वसम्मति से पारित किया गया।

उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुठभेड़ की चर्चा करते हुए कहा जमीअत उलेमा सांप्रदायिकता हमेशा विरोधी रही है और देश के लिए खतरनाक बता करता हैए सांप्रदायिक तत्वों का अगला निशाना यूपी और बिहार हैए हमें धर्मनिरपेक्ष वोटों पर नज़र रखने और चेतना से काम लेने की जरूरत हैए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एकता कार्यक्रम जिला और तहसील स्तर पर होए और अन्य धर्मों के लोगों की भी कार्यक्रम में भागीदारी सुनिश्चित करनेए और कोशिश की जाए अधिक से अधिक लोग शामिल हो सकेंए उन्होंने अनुकूलन समाज समितियों कार्यक्रम द्वारा ध्यान दिलाया कि उन्हें हर जिले में जोड़ा जाए और रणनीति तैयार होए पार्टी में इस वजह से स्थिरता आ जाएगाए उन्होंने देश और पड़ोसी देश में भूकंप से प्रभावित परिवारों से व्यक्त सहानुभूति और हर संभव सहायता का मानवीय कर्तव्य करार दिया और कहा कि संकट की इस घड़ी में तौबा और माफी की अधिक जरूरत है।