लखनऊ । नेपाल हादसे में मारे गये व अतिवृष्टि के कारण नष्ट हुई फसलों से निराश आत्महत्या करने वाले किसानों की आत्मा के शान्ति के लिए विश्व पुरोहित परिषद द्वारा शान्तिमार्च निकाला गया। यह मार्च परिवर्तन चैक से प्रारम्भ होकर पटेल प्रतिम पर समाप्त हुआ। शान्ति मार्च व शान्ति पाठ कार्यक्रम का समापन करते हुए उ0प्र0 विधान परिषद में भाजपा विधायक दल के नेता हृदयनारायण दीक्षित ने जी0पी0ओ0 पार्क – पटेल प्रतिमा के सामने कहा कि सभी सामाजिक राजनैतिक संस्थाओं से निराश किसानों आत्महत्या कर रहे हैं। भूकम्प प्राकृतिक आपदा है। इसे लेकर भी निराशा और दहशत है। विश्व पुरोहित परिषद समाज को आस्तिकता और लोकजीवन के प्रति आस्था का विचार दे रहा है। यह प्रशंसनीय काम है। 

श्री दीक्षित ने बताया कि पुरोहित का शाब्दिक अर्थ नगर हितैषी होता है। उन्होंने ऋग्वेद, अथर्ववेद आदि के उद्धरण सुनाते हुए कहा कि कि स्वयं अपने ऊपर कठोर नियम लागू करने वाले व समाज को जागृत करने वाले पुरोहित जैसे लोग दुनिया के किसी भी देश में नहीं मिलते। भारतीय समाज जीवन की अनेक विसंगतियां आचार्य और पुरोहित संस्था की शक्ति घटने से बढ़ी हैं। उन्होंने इस अवसर पर आयोजित शान्तिपाठ व हवन में भी हिस्सा लिया। कार्यक्रम को पार्षद राम कृष्ण यादव व राजेश सिंह गब्बर ने भी सम्बोधित किया। 

संस्कृत के विद्वान आचार्य डाॅ0 विनोद मिश्र, लखनऊ विश्वविद्यालय में ज्योतिष के प्रवक्ता व विश्व पुरोहित परिषद के संयोजक डाॅ0 बिपिन पाण्डेय ने शान्ति मार्च का नेतृत्व किया। कार्यक्रम में सर्वश्री शैलेश तिवारी, दिवाकर पाण्डेय, मुकेश पाण्डेय, श्याम जी मिश्र, देवेश अवस्थी, धर्मेन्द्र तिवारी, संदीप तिवारी, सत्यप्रकाश मिश्रद्व उपेन्द्र शास्त्री, संदीप त्रिपाठी, राजीव मिश्र, रामजी उपाध्याय, धीरज अवस्थी, अमित द्विवेदी, श्याम पाण्डेय, ब्रम्हेश, पवन तिवारी, पवन शंकर मिश्र, अंजनी मश्र, शिवराम अवस्थी, आनन्द राज मिश्र, अमित द्विवेदी, सुनील तिवारी, श्रीकान्त तिवारी, महेश मिश्र, दिनेश दुबे, उमाकान्त तिवारी, जयप्रकाश ओझा, द्रोणाचार्य तिवारी, हरिशंकर अवस्थी, कृष्णकान्त तिवारी, सिद्धिनाथ मिश्रद्व भारत भूषण शुक्ल आदि सहित अनेक पुरोहितगण सम्मिलित हुए।