लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में शिक्षा की दुर्दशा पर गहरी चिंता व्यक्त की है। भाजपा प्रवक्ता ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि प्रदेश की शिक्षा की वास्तविक हालात पर स्वेत पत्र जारी करे प्रदेश की जनता जानना चाहती है कि शिक्षा की इतनी दुर्गति क्यो ? प्रदेश सरकार अपने कबीना मंत्री के पत्र को संज्ञान में ले और शिक्षा की वास्तविक तस्वीर जनता के सामने ले लाए।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि प्रति वर्ष बेसिक शिक्षा पर सरकार का हजारों करोड़ खर्च हो रहा है और बेसिक शिक्षा व्यवस्था से लाचार मंत्री को पत्र लिखकर शिक्षा सत्र के प्रारम्भ के अवसर यह कहना पड़ रहा है कि छात्रों की बात तो दूर अध्यापक प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का नाम नहीं बता पाते और बच्चे 2-3 का पहाड़ा तक नहीं सुना पाते। ऐसे में वे बच्चों को क्या शिक्षा देते होंगे, इसका सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि बेसिक शिक्षा की असली तस्वीर क्या है ?

हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि बेसिक शिक्षा मंत्री ने सदन में स्ववीकार किया है कि प्राथमिक विद्यालयों में छात्र संख्या में कमी आई है। भाजपा प्रवक्ता ने सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि बेसिक शिक्षा की वास्तविक तस्वीर मंत्री जी ने अपने पत्र में पेश किया है क्या इस वास्तविकता पर कोई भी अभिभावक अपने बच्चो को सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ाना चाहेगा ? भाजपा प्रवक्ता ने सरकार से बेसिक शिक्षा की दुर्दशा का कारण पूछते हुए कहा कि आखिर पिछले तीन वर्षो में सरकार ने प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए क्या कदम उठाए ?

भाजपा प्रवक्ता ने सवाल किया कि एक तरफ सरकार के मुखिया शिक्षा का केन्द्र शिक्षा संगम बनाकर खरे उतरने की बात कह रहे है दूसरी तरफ प्राथमिक शिक्षा की जो हालात उनके मंत्री ने बयान किया है और उच्च शिक्षा की जो तस्वीर महामहिम ने पिछले दिनो खीची थी ऐसे में प्रदेश में शिक्षा की खोखली नींव पर आखिर शिक्षा का केन्द्र और शिक्षा का संगम कैसे खड़ा होगा ?

भाजपा प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने सरकार के मुखिया से पूछा कि उम्मीदो के प्रदेश की नींव यदि इतनी कमजोर होगी तो उस पर उम्मीदों का महल कहां खड़ा होगा?