भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया पर कार्रवाई करने की मांग की है।

चौहान ने कांग्रेस अध्यक्ष को कल लिखे इस पत्र में पूछा है, ‘क्या इन नेताओं ने व्यापमं मामले में मेरे और मेरे परिवार के विरुद्घ प्रमाणों से छेड़छाड़ करने से पहले आपसे अनुमति ली थी और क्या उन्हें अनुमति दी गई थी? यदि ऐसा नहीं है, तो इन नेताओं पर आपराधिक आचरण के लिए कार्रवाई की जाए।’ मुख्यमंत्री ने सोनिया को लिखा है, कांग्रेस द्वारा भाजपा सरकार और व्यक्तिगत रूप से उनके अपने खिलाफ व्यापमं मुद्दे को लेकर मुहिम चलाई जा रही है, जिसकी जानकारी आपको होगी। इस नकारात्मक अभियान का विधानसभा, लोकसभा और स्थानीय निकायों के चुनाव में लोगों पर कोई असर नहीं हुआ। लिहाजा, कांग्रेस ने उन पर और उनके परिवार के विरुद्घ निराधार आरोप लगाना शुरू कर दिया है।

उन्होंने कहा कि 16 फरवरी 2015 को कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, कमलनाथ और सिंधिया ने संवाददाता सम्मेलन कर व्यापमं में हुई अनियमितताओं से संबंधित आपराधिक प्रकरण में पुलिस द्वारा जब्त की गई हार्ड डिस्क के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। उन्होंने (तीनों नेताओं) तथाकथित मूल दस्तावेज प्रस्तुत किए, जिसके अनुसार 46 जगह सीएम लिखा था।

शिवराज सिंह चौहान ने अपने पत्र में कहा है कि आरोपों के समर्थन में कांग्रेस नेताओं ने एक पेनड्राइव, ट्रुथ लैब नामक एक प्रायवेट फोरेंसिक सेंटर की रिपोर्ट और कुछ दस्तावेज व्यापमं मामले की जांच कर रही एसटीएफ पर उच्च न्यायालय द्वारा निगरानी के लिए गठित एसआईटी में प्रस्तुत किए। मुख्यमंत्री ने कहा, ऐसा लगता है कि यह आरोप प्रशांत पांडेय नामक व्यक्ति द्वारा उपलब्ध कराई गई सामग्री के आधार पर लगाए गए थे। उन्होंने कहा कि एसआईटी ने आरोपों की जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट अदालत में पेश की है। उच्च न्यायालय ने गत 24 अप्रैल को एक आदेश जारी कर कहा कि एसआईटी द्वारा दिए सात कारणों के आधार पर, प्रस्तुत प्रमाण प्रथमदृष्टया कूट-रचित हैं और यह प्रमाण जांच को गुमराह करने के लिए प्रस्तुत किए गए हैं।

चौहान ने कांग्रेस अध्यक्ष से इस पत्र में कहा कि दिग्विजय सिंह, कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा उनके  और उनके परिवार के खिलाफ फर्जी और कूटरचित दस्तावेजों और सबूतों के आधार पर किये जा रहे दुष्प्रचार पर यदि आपकी (सोनिया) सहमति नहीं थी, जो आप कृपया उनके खिलाफ कार्रवाई करें, क्योंकि सार्वजनिक जीवन में किसी के खिलाफ व्यक्तिगत दुष्प्रचार लोकतंत्र की गरिमा के अनुकूल नहीं है।