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नारायण की ऑफ स्पिन पर बीसीसीआई ने लगाई रोक

 नई दिल्ली : सुनील नारायण को आज तब करारा झटका जबकि वेस्टइंडीज के इस स्पिनर को इंडियन प्रीमियर लीग सहित बीसीसीआई के सभी मैचों में आफ स्पिन करने से प्रतिबंधित कर दिया। यही नहीं भविष्य में ऐसी गेंद करने पर उन्हें निलंबन झेलना होगा।

कोलकाता नाइटराइडर्स के इस रहस्यमयी स्पिनर को हालांकि उंगलियों के जोड़ के सहारे की जाने वाली गेंद (नकल) और तेज सीधी गेंद करने की छूट दी गयी है। नारायण की 22 अप्रैल को केकेआर और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच विशाखापट्टनम में खेले गये मैच के बाद मैच अधिकारियों ने संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन के लिये रिपोर्ट की थी। इसके बाद उनके गेंदबाजी एक्शन का चेन्नई स्थित श्रीरामचंद्र आथरेस्कोपी एंड स्पोर्ट्स साइंस सेंटर (एसआरएएसएससी) में बायोमैकेनिकल परीक्षण किया गया।

बीसीसीआई ने यहां जारी बयान में कहा, बीसीसीआई की संदिग्ध गेंदबाजी समिति ने मैच के फुटेज और एसआरएएसएससी के विश्लेषण की समीक्षा की। आईपीएल की संदिग्ध अवैध गेंदबाजी एक्शन के प्रावधान के तहत समिति इस नतीजे पर पहुंची है कि नारायण का आफ स्पिन करते समय एक्शन क्रिकेट के नियम 24.2 का उल्लंघन है और इसलिए इस गेंदबाज को आईपीएल सहित बीसीसीआई द्वारा आयोजित मैचों में आफ स्पिन करने से प्रतिबंधित किया जाता है। इसमें आगे कहा गया है, वह हालांकि अन्य गेंदें (उंगली की गांठ के सहारे की जाने वाली गेंद यानि नकल और तेज सीधी गेंद) कर सकते हैं।

बयान में कहा गया, यदि नारायण आईपीएल के इस सत्र में फिर से आफ स्पिन करते हैं तो मैदानी अंपायर नियम 24.2 को लागू करके उसे नोबाल दे सकते हैं और मैच समाप्त होने के बाद इसकी आगे रिपोर्ट की जाएगी। आईपीएल के संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन के नियम 3.4 के तहत ऐसी परिस्थितियों में खिलाड़ी स्वत: ही बीसीसीआई द्वारा आयोजित मैचों में गेंदबाजी करने से निलंबित माना जाएगा।

नारायण के गेंदबाजी एक्शन की पिछले साल चैंपियन्स लीग के दौरान रिपोर्ट की गयी थी। बीसीसीआई ने उनके दूसरा पर प्रतिबंध लगा दिया था। वह विश्व कप में भी नहीं खेल पाये थे। उनका इस साल आईपीएल में खेलना भी संदिग्ध था लेकिन बीसीसीआई ने आखिरी क्षणों में उन्हें मंजूरी दे दी थी। वह अपने एक्शन में सुधार के बाद समिति से फिर से आधिकारिक मूल्यांकन का आग्रह कर सकते हैं। बीसीसीआई बयान में कहा, नारायण अपने एक्शन में सुधार के लिये गेंदबाजी रिहैबिलिटेशन कर सकते हैं ताकि उनका एक्शन नियम 24 का उल्लंघन नहीं करे। इसके बाद वह समिति से आगे आधिकारिक मूल्यांकन करने के लिये कह सकते हैं। 

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