67 बसें काठमाण्डू रवाना, 45 डाॅक्टरों की टीमें भी पहुंच रही हैं, सोनौली में राहत कैम्प खुला  

लखनऊ: नेपाल में आए विनाशकारी भूकम्प के मद्देनजर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य सरकार द्वारा वहां कराए जा रहे राहत व बचाव कार्याें में तेजी लाने तथा संसाधनों की उपलब्धता में वृद्धि करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि प्रदेश सरकार की ओर से नेपाल को ज्यादा से ज्यादा सहायता उपलब्ध करायी जाएगी। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि नेपाल में फंसे लोगों को निकालने के लिए लगातार बसें भेजी जाएं, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को सकुशल वापस लाया जा सके। 

मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में उ0प्र0 राज्य सड़क परिवहन निगम की 67 बसें भेजी गई हैं, जो आज रात तक काठमाण्डू पहंुच जाएंगी। इसके अतिरिक्त बिहार से लगी हुई नेपाल की सीमा पर 05 एम्बुलेन्स के साथ 45 डाॅक्टरों की टीमें कुशीनगर के रास्ते भरतपुर होते हुए बीरगंज (नेपाल) पहंुच रही हैं। 

यह जानकारी देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने नेपाल के भूकम्प ग्रस्त क्षेत्रों में राज्य सरकार के राहत कार्याें में अपना योगदान देने के इच्छुक लोगों/स्वयंसेवी संस्थाओं को वाहन आदि संसाधन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। 

प्रवक्ता ने बताया कि सोनौली में प्रशासन व एस0एस0बी0 के संयुक्त प्रयास से राहत कैम्प खोला गया है। जिसमें खाने व रुकने की व्यवस्था की गई है। यहां पर अपर जिलाधिकारी को समन्वय करने हेतु नियुक्त किया गया है, जो नेपाल भेजे जाने वाली सामग्री और वहां से आने वाले भूकम्प पीडि़तों की व्यवस्था का संचालन कर रहे हैं। 

प्रवक्ता ने बताया कि गोरखपुर विश्वविद्यालय के राहत कैम्प में अब तक 390 लोग आकर जा चुके हैं। इस राहत कैम्प में नेपाल  से आने वाले पीडि़तों को हर सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। इसके अतिरिक्त गोरखपुर में जनपद स्तर पर जिला आपदा नियंत्रण कक्ष (कन्ट्रोल रूम) स्थापित किया गया है, जिसका नम्बर-0551-2201796 तथा मोबाइल नम्बर-9454416232 है। इस कन्ट्रोल रूम में भूकम्प की त्रासदी से सम्बन्धी सभी सूचनाएं भेजी जा सकती हैं। 

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा सीमावर्ती जनपदों पर स्थित सीमा चैकी राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। इन राहत शिविरों में जनपदों द्वारा खान-पान की उचित व्यवस्था के साथ-साथ जीवनरक्षक दवाइयांे व स्थानीय चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। राहत शिविरों में पहुंचने वाले भूकम्प पीडि़तों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए बसों की व्यवस्था भी की गई है। ट्रकों के माध्यम से मिनरल वाटर, बिस्कुट तथा दवाइयों को भेजा गया है, जो काठमाण्डू पहंुच रही हैं।