काठमांडू: नेपाल में शनिवार को आए विनाशकारी भूकंप के बाद नेपाल में लाखों लोगों ने रात खुले आसमान के नीचे बिताई. केवल नेपाल में भूकंप में मरने वालों की तादाद कम से कम 2000 हो गई है. नेपाल सरकार का कहना है कि मृतकों की संख्या में तेज़ी से इज़ाफ़ा हो सकता है।
इस भूकंप से राजधानी काठमांडू समेत नेपाल के कई इलाक़ों में भीषण तबाही हुई है. काठमांडू के नागरिकों का कहना है कि और झटके आने के डर से वे अपने घरों में नहीं लौट पा रहे हैं. बेहद कम तापमान के बावजूद लोगों ने रात सड़कों और पार्कों में ही बिताई. शनिवार देर रात भी नेपाल और भारत के नेपाल सीमा से सटे इलाक़ों में भूकंप के झटके महसूस किए गए।
भूकंप के केंद्र बिंदू के पास से अभी भी बेहद कम जानकारी ही सामने आ पाई है. वहां व्यापक नुक़सान हुआ है. भूकंप में धराशाई हुई इमारतों से अभी भी शव निकाले जा रहे हैं.
अंतरराष्ट्रीय संगठनों के राहतकर्मी भी नेपाल पहुँच रहे हैं. वर्जीनिया टास्क फ़ोर्स के सदस्य नेपाल जाने की तैयारी करते हुए।
इसी बीच नेपाल के प्रभवित इलाक़ों में मौसम ख़राब हो रहा है और तूफ़ान आने की संभावना है. राहतकर्मियों का कहना है कि इससे राहत और बचाव कार्य प्रभावित हो सकता है. नेपाल में आए पिछले अस्सी साल के इस सबसे विनाशकारी भूकंप के बाद अंतरराष्ट्रीय राहत एजेंसियां भी राहत और बचाव कार्य में जुट गई हैं।
नेपाल में कल भारतीय समयानुसार सुबहा 11.41 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.9 दर्ज की गई। भूकंप के ये झटके दिल्ली से गुवाहाटी और श्रीनगर से जयपुर तक महसूस किए गए। यहां तक कि भूकंप के आधे घंटे बाद तक छह झटके महसूस किए गए।
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