मुंबई। नवी मुंबई और औरंगाबाद महानगरपालिका के चौंकाने  वाले चुनाव नतीजे आ रहे हैं। औरंगाबाद में असदुद्दीन ओवैसी की एमआईएम को शानदार कामयाबी मिल रही है। नतीजों और रुझान को देखकर लगता है कि यहां मुस्लिमों और दलितों ने कांग्रेस को नकार दिया है। हालांकि यहां बीजेपी-शिवसेना ने सबसे ज्यादा सीटें जीतने जा रही है। जबकि नवी मुंबई में एनसीपी ने गजब का प्रदर्शन किया है और ये बीजेपी-शिवसेना पर भारी पड़ रही है।

औरंगाबाद में शिवसेना बीजेपी गठबंधन ने परचम लहराते हुए 52 (शिवसेना-35, बीजेपी-23) सीटों पर बढ़त बना ली है। वहीं एमआईएम शानदार प्रदर्शन करते हुए 25 सीटों पर आगे है। एमआईएम ने कुल 54 सीटों पर चुनाव लड़ा था। कांग्रेस और एनसीपी को राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मराठवाड़ा जिले में भारी हार मिली। यहां कांग्रेस 10 वार्ड और एनसीपी महज 3 वार्ड में आगे है।

वहीं नवी मुंबई में एनसीपी ने परचम लहराया। एनसीपी 53 सीटें जीत ली है या आगे है। बीजेपी-शिवसेना महायुति (शिवसेना -37, बीजेपी 6) 43, कांग्रेस को 10 सीटों पर आगे है या जीत ली है। अन्य 5 सीटों पर आगे हैं।

एमआईएम का कहना है कि मुस्लिमों ने हमें विकल्प के तौर पर स्वीकार कर लिया। वहीं बीजेपी प्रदेश प्रमुख रावसाहेब दानवे ने कहा कि औरंगाबाद में बीजेपी-शिवसेना जीत हासिल करने जा रही है। मुंबई मनपा की 111 और औरंगाबाद मनपा की 113 सीटों पर 22 अप्रैल को चुनाव हुए थे। आज सुबह 10 बजे से मतगणना शुरू हुई थी।

औरंगाबाद के ये नतीजे कांग्रेस-एनसीपी के लिए खतरे की घंटी है। खासतौर पर कांग्रेस के लिए नतीजे बेहद झटका देने वाले साबित हो सकते हैं। इससे पहले भी एमआईएम कांग्रेस को मुंबई और औरंगाबाद में झटका दे चुकी है। विधानसभा चुनाव में एमआईएम ने दोनों जगहों पर एक-एक सीट जीती है। ऐसे में अगर ये कहा जाए कि भविष्य में भी एमआईएम कांग्रेस को और झटका देगी, तो गलत नहीं होगा। खुद एमआईएम का कहना है कि वह मुस्लिमों के बीच कांग्रेस का विकल्प बनने जा रही है। अगर एमआईएम को ऐसे ही समर्थन मिलता रहा तो बाकी जगहों पर भी कांग्रेस को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि बीजेपी-शिवसेना पर इसका खास असर नहीं पड़ेगा क्योंकि उसका अपना वोटबैंक बरकरार है और मुस्लिम वोटर उससे दूरी बनाए रखते हैं। पर उसके लिए चिंता की बात ये जरूर होगी कि जिस पर दिन रात हमला बोला वही पार्टी उसके सामने चुनौती पेश करेगी।