मुंबई। बीसीसीआई की सत्ता खोने के बाद एन श्रीनिवासन का अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद्(आईसीसी) से भी पत्ता साफ होने वाला है। जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट की फटकार के चलते बीसीसीआई अध्यक्ष पद छोड़ने को मजबूर होने वाले श्रीनिवासन के पास सितम्बर 2015 का समय है। बीसीसीआई के सचिव अनुराग ठाकुर ने भी हाल ही में कहा था कि, सितम्बर 2015 तक आईसीसी चेयरमैन के रूप में एन श्रीनिवासन बीसीसीआई के प्रतिनिधि के होंगे। सितम्बर में हमारी सालाना बैठक के इस बारे में विचार किया जाएगा।

बताया जाता है कि ठाकुर ने इस बारे में अरूण जेटली को बता दिया है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी आईसीसी चेयरमैन की दौड़ में है। बीसीसीआई के नए अध्यक्ष जगमोहन डालमिया और अनुराग ठाकुर आईसीसी में नया चेहरा चाहते हैं। पांच महीने बाद बोर्ड की बैठक में वे नए व्यक्ति को नामांकित कर सकते हैं। आईसीसी के नियमों के अनुसार चेयरमैन कार्यकाल दो साल के लिए होता है। भारत के पास भी आईसीसी में अपना प्रतिनिधि रखने के लिए 2016 तक का समय है।

जानकारी के अनुसार हाल ही में आईपीएल गवर्निग कॉन्सिल की बैठक के दौरान श्रीनिवासन की कंपनी इंडिया सीमेंट्स की फ्रैंचाइजी चेन्नई सुपरकिंग्स के कम वेल्युएशन पर भी सवाल उठे। बैठक में मौजूद एक सूत्र ने बताया कि, इसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया विशेष आमंत्रित के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने सबसे पहले यह मुद्दा उठाया और कहाकि यह संभव नहीं है कि इंडिया सीमेंट्स बीसीसीआई को फ्रैंचाइजी फीस के रूप में 40 करोड़ देती है और सीएसके की कीमत पांच लाख रूपये है। फ्रैंचाइजी की बिक्री पर कुल कीमत की पांच फीसदी रकम बोर्ड को देनी होती है।

इस लिहाज से बोर्ड को केवल 25 हजार रूपये मिलेंगे जो कि रत्ती भर है। इस पर अन्य सदस्यों ने भी अपनी नाराजगी व्यक्त की। इसके बाद से जगमोहन डालमिया और अनुराग ठाकुर धीरे-धीरे श्रीनिवासन की बीसीसीआई से छुट्टी करना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने कदम बढ़ाने भी शुरू कर दिए हैं।