प्रदेश की अर्थव्यवस्था को देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बताया, पूर्व राष्ट्रपति ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र 

लखनऊ: भारत के पूर्व राष्ट्रपति डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम ने कहा है कि आबादी के लिहाज से उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। देश की खुशहाली और तरक्की के लिए प्रदेश का विकास जरूरी है। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जहां पर्याप्त प्राकृतिक एवं मानव संसाधन उपलब्ध हैं। राज्य की सबसे बड़ी ताकत उसका युवा वर्ग है, जिसकी संख्या लगभग 10 करोड़ है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में राज्य में सामाजिक उद्यमियों के विकास की असीम सम्भावनाएं उपलब्ध हैं। यह सामाजिक उद्यमी राज्य के विभिन्न लक्ष्यों की पूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

डाॅ0 अब्दुल कलाम ने यह विचार मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सम्बोधित अपने एक पत्र में व्यक्त किए हैं। राज्य के सभी क्षेत्रों तथा लगभग सभी जिलों में समय-समय पर की गई अपनी यात्राओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने लिखा है कि वे समाज के विभिन्न वर्गों से मिले। इनमें किसान संगठन, उद्योग जगत, स्कूल, काॅलेज, प्रबन्धन एवं तकनीकी संगठन और मीडिया शामिल है। पूर्व राष्ट्रपति द्वारा प्रदेश के विकास और जनता के सशक्तीकरण के लिए एक दस्तावेज भी तैयार किया गया है, जिसे उन्होंने अपने पत्र के साथ मुख्यमंत्री को उपलब्ध कराया है। 

इस दस्तावेज के अनुसार उत्तर प्रदेश को एक लक्ष्य आधारित मिशन के तहत विकसित किया जाना चाहिए, जिसमें प्रत्येक जिले की खूबियों और सभी क्षेत्रों के संतुलित विकास पर ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने प्रदेश की आबादी के लिए एक लाख सामाजिक उद्यमियों का गठन मिशन के तौर पर किए जाने की बात भी कही है। इन उद्यमियों को राज्य सरकार तथा शैक्षिक संस्थानों द्वारा प्रोत्साहित किया जा सकता है। इन सामाजिक उद्यमियों की मदद खाद्य एवं पोषण, शुद्ध पेयजल, स्वास्थ्य सेवाओं, आय सृजित करने वाली गतिविधियों, शिक्षा एवं क्षमता विकास, सुचारू बिजली एवं संचार सेवाओं के साथ-साथ वित्तीय सेवाओं को बेहतर बनाने और भाइचारा बढ़ाने के लिए प्राप्त की जा सकती है।

पूर्व राष्ट्रपति ने राज्य में बुनियादी सुविधाओं के विकास, खासतौर पर ऊर्जा के क्षेत्र के लिए एक कोर कार्यक्रम संचालित किए जाने का सुझाव भी दिया है। इसके लिए उन्होंने सामुदायिक भागीदारी के साथ पी0पी0पी0 माॅडल तथा ‘बिल्ड ओन आॅपरेट ट्रान्सफर’ (बूट) को अपनाए जाने की बात कही है। उन्होंने अच्छे स्कूल, अस्पताल, हरियाली आदि के सम्बन्ध में भी सुझाव दिए हैं। 

पत्र में पूर्व राष्ट्रपति ने यह भी लिखा कि कृषि खासतौर पर चीनी उद्योग के क्षेत्र में प्रदेश के जनपदों की अपनी खूबियां हैं, जिनका समुचित लाभ लिया जाना जरूरी है। उन्होंने किसानों को खाद्य प्रसंस्करण एवं अपनी उपज के विपणन में समुचित भागीदारी दिए जाने की बात भी कही। इस कार्य को सामाजिक उद्यमियों के नेतृत्व में सहकारी संस्थाओं तथा स्वयं सहायता समूहों के जरिए सम्पन्न किया जा सकता है। 

जल संसाधन के समुचित प्रबन्धन पर प्रकाश डालते हुए पूर्व राष्ट्रपति ने यह उल्लेख भी किया कि इसे अपनाकर जहां एक ओर खेतों को समुचित जल की आपूर्ति की जा सकती है, वहीं दूसरी ओर सूखे और बाढ़ की समस्या से भी निपटा जा सकता है। उन्होंने नदियों सहित तमाम जलाशयों को आवश्यकतानुसार जोड़े जाने और इस कार्य की डिजिटल माॅनीटरिंग किए जाने पर भी बल दिया है।