नई  दिल्ली : भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को लेकर आम आदमी पार्टी की जंतर-मंतर में हो रही रैली में पेड़ से लटककर फांसी लगाने वाले राजस्थान के किसान की मौत हो गई है। इस घटना के बाद वहां मौजूद पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं। पुलिस वहां खड़ी सब कुछ देखती रही, लेकिन उसे रोकने के लिए कोई आगे नहीं बढ़ा।

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पुलिस कमिश्नर से बात करके जांच के आदेश दे दिए हैं। वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल किसान को देखने अस्पताल पहुंचे थे।

इस मामले पर बीजेपी ने सवाल उठाया कि किसान की मौत के बाद भी रैली जारी क्यों रही। जिंदगी ज्यादा जरूरी है या रैली। बीजेपी के संबित पात्रा ने कहा, जिस तरह तड़पकर वह किसान मरा, उसके बाद भी रैली कैसे जारी रही? उधर, केजरीवाल ने इस मामले में दिल्ली पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया कि वह तमाशबीन बनकर खड़ी रही।

दिल्ली सरकार में महिला और बाल विकास मंत्री संदीप कुमार का आरोप है कि पुलिस चाहती तो ये सब होने से रोक सकती थी। ‘आप’ के कार्यकर्ता उस शख्स को उतारने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से रोका।

गजेंद्र नाम का यह किसान राजस्थान के दौसा का रहने वाला था। डॉक्टरों का कहना है कि किसान ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया था।

गजेंद्र ने सुसाइड नोट में लिखा है, दोस्तों मैं किसान हूं। मेरी फसल बर्बाद हो गई है। मेरे पिताजी ने मुझे घर से निकाल दिया। मेरे तीन बच्चे हैं। उन्हें पालने के लिए मेरे पास पैसे नहीं हैं इसलिए मैं आत्महत्या कर रहा हूं।