लखनऊ । भारतीय फलों का राजा कहा जाने वाला आम बेमौसम बरसात की वजह से तकरीबन 65 फीसदी महंगा बिकेगा और नतीजतन खास लोगों को ही मयस्सर होगा।

एसोचैम के एक अध्ययन में यह दावा करते हुए कहा गया है कि सबसे कमतर समझी जाने वाली वैराइटी का आम भी फुटकर बाजार में सौ रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है जबकि प्रीमियर वैराइटी का अलफान्सो आम देश के विभिन्न हिस्सों में 500 से 600 रुपये प्रति दर्जन की दर से मिल रहा है। अध्ययन में दावा किया गया है कि आम की कीमत में यह तेजी असमय हुई बारिश के चलते उत्पादन में 50 फीसदी तक गिरावट आने की वजह से हुई है। एसोचैम की कृषि अनुसंधान इकाई द्वारा आम के उत्पादन और निर्यात को लेकर चिन्ता विषय पर किये गये व्यापक अध्ययन में यह खुलासा किया गया है कि इस बरसात ने बागवानों और उपभोक्ताओं दोनों पर जमकर कहर ढाया है।

उत्तर प्रदेश की मलिहाबाद, हरदोई, शाहाबाद, अमरोहा, बुलन्दशहर स्थित आम पट्टी में इसका सर्वाधिक नुकसान हुआ है। अध्ययन में कहा गया है कि आम की कीमत में बढ़ोत्तरी का रुझान दिखाई देने लगा है और वैराइटी के हिसाब से आम की फुटकर कीमत में इस साल 50 से 65 फीसदी तक की वृद्धि दिखाई दे रही है। हालांकि कुल नुकसान का अभी आकलन किया जा रहा है लेकिन प्रथम दृष्टया अनुमान है कि आम के उत्पादन में कम से कम 20 फीसदी का नुकसान हुआ है जबकि उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में यह क्षति 50 प्रतिशत से भी ज्यादा है। देश के कुल 40 लाख टन आम उत्पादन में से उत्तर प्रदेश का हिस्सा करीब एक चौथाई होता है। महाराष्ट्र तथा मध्य भारत के अन्य राज्यों में भी आम उत्पादन की स्थिति खस्ताहाल होने की वजह से इस साल देश में कुल आम उत्पादन में करीब 15 लाख टन गिरावट आने का अनुमान है।