लखनऊ:  पिछड़ा समाज महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एहसानुलहक मलिक व राष्ट्रीय महासचिव शिवनारायण कुशवाहा ने बताया कि जिस तरह भाजपा व केन्द्रीय मंत्री सांसद तथा सहयोगी संगठनों द्वारा देश के मुस्लिमों व ईसाईयों को वोट देने का अधिकार छीने जाने और उनकी नसबंदी कराये जाने का अभियान पूरे देश में चला रखा है इससे स्पष्ट है कि कुछ राज्यों में चुनाव होने से पूर्व पूरे देश में मुस्लिमों और ईसाईयों का बड़े पैमाने पर कत्लेआम ही नही होगा बल्कि उनकी महिलाओं का बलात्कार भी होगा साथ इलाके के इलाके फूंकवाये जायेंगे ये लाशों पर चलते चले जायेंगे। पीछे मुड़ कर देखेंगे नही क्योंकि इन्हें सत्ता चाहिये और सत्ता के लिये यह देश को भी बेच देंगे जैसा कि तमाम बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को भारत में लाकर देश को पुनः गुलाम बनाने की भी साजिश है अगर देश की जनता इनकी साजिशों का नही समझा तो आने वाले समय में भारत पुनः गुलाम होगा।

नेता द्वय ने बताया कि देश में अब तक छोटे बड़े 65 हजार दंगे हो चुके है लेकिन दंगा कराने वाले व दंगाईयों पर कार्यवाही न होने से ये स्पष्ट है कि सरकारे द्वारा ही प्रायोजित दंगे होते है। यदि सरकार द्वारा ये दंगे प्रायोजित नही होते तो दंगा कराने वाले खुले आम न घुमते उनकों जेल में होना चाहियें। दुख की बात ये है कि दंगा कराने वाले व दंगाईयों के साथ मिलेट्री, पैरा मिलेट्री, न्यायपालिका, कार्यपालिका, विधायिका इस दंगाईयों के पीछे खड़े रहते है क्योंकि बहुत से लोग सरकारी अमले में संम्प्रदायिक लोग भी सम्मलित हैं

नेता द्वय ने यह भी बताया कि देश में मुस्लिम ईसाई व दलित तथा गरीबों के लिये दोहरा माप दंड अपनाया जाता है। न्यायपालिका भी गरीबों को न्याय देने में भी भेदभाव बरात्ती है जैसा कि पूर्व मुख्य न्यायधीश भारत ने अपने एक बयान मे न्याय पालिका को भी कठघरे में खड़ा कर दिया है कि गरीबों को न्याय नही मिलता।

नेता द्वय ने यह भी बताया कि जिस तरह से मेरठ, हासिमपुरा दंगों में दोषी लोगों को बरी किये जाने का सर्वोच्च न्यायालय का जो निर्णय दिया है पूरी दुनिया उसकी अलोचना हो रही है। भारत की न्यायपालिका को दुनिया के लोगों ने कटघरे में खड़ा कर दिया है।

नेता द्वय ने यह भी बताया कि दंगों व अन्य मामलों में केन्द्र और राज्य सरकारों को महासभा द्वारा लगातार अवगत कराता गया है, धरना प्रदर्शन भी पूरे देश में हुये है फिर भी दंगा कराने वाले दंगाईयों को केन्द्र और राज्य सरकार व न्यायपालिका द्वारा कार्यवाही न किये जाने के कारण इन दंगाईयों के हौशले बुलन्द होते गये और आज भी गरीबों पर इस संम्प्रदायिक शक्तियों द्वारा लगातार उत्पीड़न किया जाता है और जिम्मेदार खड़े होकर तमासाई बने खड़े रहते है उन्ही के सामने हत्याएं होती है, बलात्कार होता है, आगजनी होती है और ये संम्प्रदायिक शक्तियों का हौशला अफजाई करते है।

नेता द्वय ने यह भी बताया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अपने एक निर्णय में कहा है कि आदिवासियों की जमीन व जंगल छीनने के कारण ही आदिवासियों ने हथयार उठाये है जिस तरह से मुस्लिमों, ईसाईयों , दलितों, व आदिवासियों तथा गरीबों पर जो जुल्म हो रहें है उनके साथ नइंसाफियां की जा रही यदि इसको केन्द्र और राज्य सरकारे उनके मौलिक अधिकारों को न दिया तथा इंसाफ न मिला तो इस समाज के लोग भी इंसाफ पाने के लिये इनको गलत रास्ते पर जाने से कोई नही रोक सकता। 

नेता द्वय ने देश के सभी मुस्लिमों, ईसाईयों, गरीबों, दलितों व आदिवासियों से अपील की है कि एक जुट होकर इन सम्प्रदायिक शक्तियों को मुंहतोड़ जवाब दे वरना ये जुल्म ढ़ाते रहेंगें और जुल्म व नइन्साफी आने वाले दिनों बड़ेगी।