बड़ी शक्तियां बहा रही हैं मुसलमानों का खून: मौलाना कल्बे जवाद

लखनऊ: यमन के मौजूदा हालात पर अफसोस ज़ाहिर करने के साथ सऊदी अरब द्वारा यमन के आंतरिक मामलों में साम्राज्यवादी शक्तियों के इशारों पर की जा रही हस्तक्षेप की निंदा करते हुए मजलिसे ओलमाये हिन्द के महासचिव इमामे जुमा मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी ने कहा कि पश्चिमी मीडिया ने योजना के साथ यमन के मौजूदा हालात को शिया सुन्नी का रुख देने की कोशिश की है जबकि यमन में शिया आबादी पांच फीसदी से ज्यादा नहीं है । यमन में शिया सुन्नी की कोई समस्या नहीं है ।जिस तरहा का प्रचार पश्चिमी मीडिया ने किया हमारा राष्ट्रीय मीडिया भी उसी का शिकार है । यमन में जिन लोगों को सऊदी अरब अमेरिका और इजरायल की खुशी में समर्थन कर रहा है वह जैदी हैं यानी राष्ट्रपति अब्र्दुरब मंसूर हादी और जिनके खिलाफ समर्थन कर रहे है वह भी जैदी हैं जिनमें मुख्य ज्यादातर हनफी फिका के मानने वाले हैं, हाथ बांधकर नमाज पढ़ते हैं, चारों खलिफाओं का सम्मान करते है। कुछ मालिकी फिका से हैं और कुछ शाफई मजहब से हैं । शिया तो इस लड़ाई में दूर तक नहीं हैं। होसी कबीला हमेशा सलफी वहाबीयों के खिलाफ रहे इस लिये सऊदी अरब उनको खत्म करना चाहता है। होसी कबीला शाफई है।

मौलाना ने कहा कि यमन में जो लोग राष्ट्रपति हादी के खिलाफ लड़ रहे हैं उन्हें विद्रोही और बागी कहा जा रहा है जबकि वह अपनी स्वतंत्रता और अधिकार के लिए लड़ रहे हैं और अपने देश में संघर्ष कर रहे हैं सऊदी अरब अमेरिका की गुलामी में उनके खिलाफ राष्ट्रपति हादी का समर्थन कर रहा हे ।संयुक्त राष्ट्र  को चाहिए कि यमन के मामले में हस्तक्षेप करे और सऊदी अरब की शांति और एकता भंग करने की नीतियों के खिलाफ कार्रवाई करे । मौलाना ने आगे कहा के अमेरिका और इस्राएल का सारा हथियार इसलिए बनता है ताकि उसे मुसलमानों को मारने व इस्लाम के खिलाफ इस्तेमाल किया जा सके इस काम में उसकी मदद सऊदी जैसे तथाकथित इस्लामी देश करते हैं। इन शक्तियों को क्या अधिकार हे कि वह यमन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करें ।सामराजी शक्तियों ने मुसलमानों के खिलाफ मुसलमान को लाकर खड़ा कर दिया है और लड़ने के लिए हथियार भी खुद प्रदान करा रहे हैं ।मसलमान उनकी साजिशों को समझें और उनकी मानसिक गुलामी से मुक्त हों।