पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने दिए आदेश

 इस्लामाबाद। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने खैबर पखतुनख्वा प्रांत की सरकार को कराक जिले में स्थित एक हिन्दू मंदिर का पुननिर्माण कराने का आदेश दिया है। अतिरिक्त अधिवक्ता जनरल वकार अहमद ने मुख्य न्यायाधीश नसीर उल मुलक की अगुआई वाली दो सदस्यीय पीठ को बताया था कि मामले को सौहार्दपूर्ण तरीके से हल करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

यह मामला कराक जिले के तेरी गांव स्थित श्री परमहंस जी महाराज समाधि से जुड़ा हुआ है। पाकिस्तान हिन्दू परिषद के प्रमुख एवं पाकिस्तान मुस्लिम लीग (पीएलएल-एन) के सदस्य डॉ. रमेश कुमार वंकवानी ने देश में लगातार मंदिरों में तोड़फोड़ की बढ़ती घटनाओं सहित श्री परमहंस महाराज की समाधि पर कब्जे की घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट का ध्यान इस ओर खींचने संबंधी एक याचिका दाखिल की थी।

डा. वंकवानी ने कहा कि श्री परमहंस जी महाराज समाधि स्थल पर मंदिर बनवाने के संबंध में उन्होंने प्रांत के मुख्य सचिव पुलिस महानिदेशक से भी मुलाकात की है, लेकिन उन्हें बताया गया कि अगर यहां मंदिर बन जाता है तो भारतीय खुफिया एजेंसी “रॉ” के सदस्यों को यहां इकट्ठा होने का मौका मिलेगा। प्राचीन दस्तावेजों के अनुसार 1919 में तेरी गांव में जिस स्थान पर श्री परमहंस जी ने देह त्यागी थी, उसी स्थान पर उनकी समाधि बनवा दी गई थी।

वर्ष 1997 तक लगातार वहां श्रद्धालु जाकर महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित करते थे, इसके बाद मुसलमान समुदाय के कुछ लोगों ने इस मंदिर को तोड़कर इस स्थान पर कब्जा कर लिया था। दस्तावेजों के अनुसार सिंध प्रांत के कुछ हिन्दू बुजुर्गो ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए संबंधित समुदाय को तीन लाख 75 हजार रूपए भी दे दिए थे, लेकिन पैसो लेने के बाद भी मुफ्ती ने संपत्ति पर कब्जा बरकरार रखा। सुप्रीम कोर्ट ने श्री बंकवानी की याचिका पर ध्यान देते हुए प्रांत की सरकार को कराक के इस मंदिर का पुनर्निर्माण कराने के आदेश दिए।