नई दिल्ली: रिलायंस इंडस्ट्रीज का शुद्ध लाभ मार्च 2015 में समाप्त चौथी तिमाही में ऊंचे रिफाइनिंग मार्जिन की बदौलत 8.5 फीसदी से बढ़कर 6,381 करोड़ रुपये हो गया।

साल की चौथी तिमाही का यह एकीकृत लाभ पिछले साल की इसी अवधि में 5,881 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई।

वित्त वर्ष 2014-15 की चौथी तिमाही (जनवरी से मार्च) के दौरान कंपनी का कारोबार 67,470 करोड़ रुपये रहा, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 1,03,428 करोड़ रुपये रहा था। कच्चे तेल के दाम में गिरावट आने से कंपनी का कारोबार कम हुआ है। हालांकि, इस दौरान कंपनी का मार्जिन 10.1 डॉलर प्रति बैरल रहा जो कि  पिछले साल की तुलना में यह 9.3 डॉलर प्रति बैरल था। कंपनी ने अपने शेयरधारकों के लिए 10 रुपये प्रति शेयर का लाभांश भी घोषित किया है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा, ‘ऐसे समय जब कच्चे तेल के दाम में गिरावट से हाइड्रोकार्बन से बाजारों में अस्थिरता है, हमारे रिफाइनिंग मार्जिन रिकॉर्ड स्तर पर रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मौजूदा परिवेश में हाइड्रोकार्बन कारोबार से हमारी अर्जित करने की शक्ति से विश्वस्तरीय, लागत के हिसाब से प्रतिस्पर्धी और आधुनिक प्रौद्योगिकी तथा प्रतिभाशाली लोगों में निवेश के हमारे सिद्धांत की वैधता का पता चलता है।’