विशाखापट्टनम: सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने जनता परिवार की पार्टियों को नसीहत दी है कि सिर्फ चुनावी गठजोड़ के लिए नई पार्टी बनाने से कुछ हासिल नहीं होगा।

येचुरी ने गैर-बीजेपी, गैर-कांग्रेस पार्टियों के एक साथ आकर जनता परिवार बनाने की पहल पर यह टिप्पणी की है। येचुरी ने सीपीएम के महासम्मेलन के मौके पर विशाखापट्टनम में कहा, “सब मिलकर एक पार्टी में आ रहे हैं, ये एक अच्छा संकेत है। लेकिन चुनावी मौके के आधार पर आप इकट्ठा होना चाहते हैं, तो ये कोई सैद्धांतिक आधार पर गठजोड़ नहीं है और ये बहुत टिकाऊ नहीं होगा।”

येचुरी ने 90 के दशक में प्रधानमंत्री पद के लिए समाजवादियों के बीच हुई खींचतान का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहा, “जब देवगौड़ा को पीएम पद छोड़ना पड़ा और गुजराल साहब को प्रधानमंत्री बनाया गया, उस समय विवाद सामने आया था। तब यह तय हो गया था कि मुलायम सिंह पीएम बनेंगे, लेकिन बाद में गुजराल साहब को पीएम बनाया गया। मुलायम को यह शिकायत थी कि किसी ने उनको पीएम बनने से रोका।” येचुरी ने यह माना कि उस वक्त मुलायम सिंह यादव के पीएम बनने की राह में रोड़ा लालू यादव की ओर से अटकाया गया था।

उन्होंने कहा, “इसके बावजूद ये सब नेता इकट्ठा हुए हैं… ये अच्छी बात है, लेकिन सिर्फ सत्ता के लिए साथ आने से कुछ नहीं होगा।” हालांकि येचुरी ने इस बात को हंसकर टाल दिया, जब उनसे कहा गया कि मुलायम और लालू आज रिश्तेदार बन चुके हैं। येचुरी ने कहा कि समाजवादियों को इतिहास से सबक लेकर आगे बढ़ना होगा।