लखनऊ: उत्तर प्रदेश कंाग्रेस कमेटी के जोनल प्रवक्ता बृजेन्द्र कुमार सिंह ने उ0प्र0 के आपदा प्रभावित किसानों की आत्महत्या रोकने के लिए प्रदेश सरकार से तत्काल प्रभाव से 2013 में यू0पी0ए सरकार द्वारा बनाये गये खाद्य सुरक्षा कानून को अन्य राज्यों की भांति उत्तर प्रदेश में भी लागू करने की मांग की है।

श्री सिंह ने कहा कि बेमौसम बरसात, ओलावृष्टि से प्रदेश के किसानों की फसलों की बर्बादी से जहां सभी प्रकार के कृषि ऋणों की हो रही वूसली, साहूकारों एवं महाजनों से लिए कर्ज की चिन्ता के अलावा सबसे बड़ी चिन्ता भोजन की व्यवस्था होती है। प्रदेश के किसानों की जोत घटकर एक एकड़ से कम हो गयी है, परिणामस्वरूप छोटे किसान आत्महत्या इस डर से कर रहे हैं कि यदि कृषि मुआवजा आदि नहीं मिला तो उनके परिवार का भरण पोषण कहां से होगा। क्योंकि पूरी तरह बर्बाद हो चुकी फसलों एवं भीषण मंहगाई में किसान के लिए सबसे बड़ी समस्या रोटी की पैदा हो गयी है, इसी चिन्ता में किसान आत्महत्या करने पर उतारू हैं। ऐसे में यदि खाद्य सुरक्षा कानून लागू कर दिया जाता तो आज किसान आत्महत्या करने के लिए विवश न होते। वहीं जिस प्रकार इतनी भारी क्षति होने के बाद किसानों को 50 रूपये एवं 100 रूपये का मुआवजा सरकार दे रही है वह जले पर नमक छिड़कने जैसा है, जिसको लेकर किसान आक्रोशित है। 

श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार अपने अक्षम पुलिस अधिकारियों की पीठ ठोंक करके देश की सबसे बढि़या पुलिस बल का तमगा दे रही है जबकि एक ओर जहां विगत 9 एवं 10 अप्रैल को एक ही दिन में राजधानी लखनऊ में ही पांच-पांच ट्रेनेां में लाखेां की लूट हो रही थी तो शाहजहांपुर में बलात्कार का विरोध कर रही लड़की को कल आरोपियों द्वारा जिन्दा जला दिया गया। वहीं रामपुर प्रदेश सरकार के एक मंत्री के इशारे पर स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा बाल्मीकि समाज के 80 अतिदलित परिवारों के घरों को ढहाकर बेघर करने में जुटी हुई है वहीं बेघर होने के डर से दलित परिवार अपने घरों को बचाने के लिए धर्म परिवर्तन तक करने के लिए मन बना चुके हैं।