निर्माण कार्यों की गुणवत्ता खराब पाये जाने परएफ.आई.आर. दर्ज होगी

लखनऊ: प्रदेश के माध्यमिक शिक्षामंत्री  महबूब अली ने बताया कि माडल स्कूल योजना में केन्द्र एवं राज्य क्रमशः 75 तथा 25 प्रतिशत का योगदान करते है। उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2015-16 में 350 करोड़ रुपये राजयांश के रूप में प्राविधान किया गया है।

महबूब अली ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा वर्ष 2011 में 148 तथा वर्ष 2012 में 45 माडल स्कूलों की स्थापना की स्वीकृति प्रदान की गई थी। इसमें 24 माडल स्कूलों की स्थापना अल्पसंख्यक बाहुल्य विकास खण्डों में कराई जानी है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा  इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2010-11 में 56.13 करोड़ रुपये, वर्ष 2011-12 में 115.67 करोड़ रुपये अवमुक्त किए गए थे तथा राजयांश के रुप में वर्ष 2011-12 में 13 करोड़ रुपये तथा वर्ष 2012-13 में 98.74 करोड़ रुपये अवमुक्त किए गए थे। उन्होंने बताया कि माडल स्कूलों के निर्माण हेतु समस्त धनराशि जनपदों को अवमुक्त कर दी गई है। जनपद में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमेटी को देख-रेख में इसका निर्माण कार्य कराया जा रहा है। इन भवनों के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए है।

महबूब अली ने कहा कि निर्माण कार्यों की शासन स्तर पर भी समीक्षा की जा रही है। निर्माण कार्यों को समय से पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। गुणवत्ता में शिकायत आने पर संबंधित निर्माण एजेंसियों के विरूद्ध कठोर दण्डात्मक कार्यवाही करते हुए उनके अधिकारियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करने के निर्देश भी दिए गए है। इसके साथ ही जिला विद्यालय निरीक्षकों को भी निर्देशित किया गया है कि वह निर्माण कार्यों की नियमित समीक्षा करें। जिन विद्यालय निरीक्षकों द्वारा कार्य में लापरवाही बरती जाएगी उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही होगी।