लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि ऐसी वे कौन सी वजहें हैं कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव नाकारा और विवादास्पद पुलिस अफसरों को प्रश्रय देने में जुटे हैं। पिछले दिनों 27 फरवरी को लखनऊ के बाबूगंज इलाके में दिनदहाड़े तीन लोगों की हत्या कर एटीएम से 50 लाख रुपए लूटने वालों को पकडने के लिए 15 दिन की मोहलत देने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इतने खामोश क्यों हो गए है? 

प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि एटीएम लूट कांड के आरोपियों को पकडने में लखनऊ के काबिल एसएसपी यशस्वी यादव और पुलिस महानिदेशक ए. के. जैन डेढ़ महीने बाद भी खाली हाथ ही हैं। हैदराबाद में दो सिमी आतंकवादियों के मारे जाने की घटना को लखनऊ के एटीएम कांड से जोडने के इन अफसरों के प्रयास से भी अब पर्दा उठ चुका है। यह साबित हो चुका है कि अपनी नाकामी छिपाने के लिए यूपी के पुलिस अफसर अब मनगढ़ंत कहानियों का सहारा ले रहे हैं। 

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि ऐसा ही मामला यशस्वी यादव ने पिछले वर्ष लखनऊ के एसएसपी का पद संभालते हुए शहर में असलहों के अवैध व्यापार का भंडाफोड़ करने से भी जुड़ा है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ढिलाई के कारण पुलिस अफसर लगातार मनमर्जी काम कर रहे हैं। रेप, चोरी, डकैती और लूट की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव नाकारा अफसरों पर कोई नकेल नहीं कस सके हैं। इससे साफ साफ जाहिर हो रहा है कि यूपी अखिलेश यादव भले ही मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे हों लेकिन इस पद का इकबाल अभी तक कायम नहीं कर पाए है।