लखनऊ : पिछड़ा समाज महासभा विश्व शुद्र महासभा अर्जक संघ आर0ए0एस0 फाउण्डेशन की एक संयुक्त बैठक महासभा के कार्यालय में चौधरी जगदीश पटेल अध्यक्ष विश्व शूद्र महासभा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में यह निर्णय लिया गया हिस्सेदारी मिशन इन इंडिया द्वारा चलाये जा रहे अभियान जिसमें पिछड़ों, दलितों, मुस्लिमों व आदिवासियों, गरीबों को उनकी आबादी के अनुपात में (जातिवार) न्यायपालिका, कार्य पालिका, विधायिका, मिलेट्री, पैरा मिलेट्री, बहुराष्ट्रीय कम्पनियों, निजी क्षेत्रों, कृषि भूमि, भवनों में बराबर-2 बांटे जाने शिक्षा एक समान राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री व गरीबों के बच्चे एक साथ पढ़े, सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को सरकारी नौकरी व प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को प्राइवेट नौकरी दिये जाने की व्यवस्था बनाई जाये। शिक्षा व स्वास्थ निःशुल्क किये जाने , नौकरियों मेें जो निर्धारित शैक्षिक योग्यता रखने वालो को तत्काल नौकरियां दि जाये, जिससे बेरोजगारी समाप्त हो सके। भारतीय संविधान की धारा 341 से धार्मिक प्रतिबंद्ध हटाये जाने, केन्द से लेकर सभी राज्यों व सभी जनपदों में किसान आयोग का गठन किया जाये। इस आयोग में केवल गरीब किसान ही रखे जाये। प्राकृतिक आपदा के कारण हुई रवि की फसल बर्बाद हो गई किसानों को उनकी लागत से छः गुना मुआवजा दिये जाने, पिछड़ो, दलितों को प्रोन्नति में आरक्षण दिये जाने आदि मांगों का ज्ञापन केन्द्र व राज्य सरकार को दिये जाने के पश्चात आज-तक केन्द्र व राज्य सरकारों के द्वारा किसी भी समस्या का समाधान नही किया गया है। केन्द्र व राज्य सरकारों द्वारा अपने चुनावी घोषणा पत्र में देश की जनता से कई झूठे वालेे कियये थे जिसे आज सरकारे पूरा न करके जनता के बीच तरह-2 के धार्मिक उन्माद पैदा करके  जनता को मूर्ख बना रही है। ऐसी सरकारों को जनता आगामी चुनाव में सबक सिखाय गी। यदि शीघ्र ही समस्याओं का समाधान नही हुआ तो संयुक्त रूप से जन आंदोलन शुरू किया जायेगा इन मांगों को लेकर सभी संगठनों द्वारा मिलकर के ग्रामीण क्षेत्रों में सम्मेलन व बैठके लगातार की जा रही है। जिसके फलस्वरूप संघर्ष की भावना पैदा हो रही है। निश्चित रूप से आगामी आंदोलन निर्णायक ही होगा।  बैठक में एसानुलहक मलिक, शिवनारायण कुशवाहा, महेश कुमार, इंजी0 प्रदीप कुमार पल्टा, कृपा शंकर, सविता, लालता प्रसाद मौर्य, बंसत लाल वर्मा, सदाशिव साहू, बद्री यादव, शिव यादव, जुबैर अहमद, विजय पाल, लोकनाथ पटेल, राम गनेश मौर्या, मुमताज अहमद, राम अशीष निसात, सुनील यादव, रामनाथ गौतम आदि ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये।