नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कडेय काटजू एक बार फिर अपने विचारों को लेकर विवादों में घिर सकते हैं। काटजू ने गौमांस पर रोक लगाने का विरोध जताते हुए कहाकि, वे भी गौमांस खा चुके हैं और आगे अगर मौका मिला तो फिर खाऊंगा। उन्होंने गौ हत्या पर प्रतिबंध को राजनीति से प्रेरित बताया और ऎसे प्रतिबंध को लोकतंत्र के खिलाफ करार दिया। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि गौ हत्या पर पूरे देश में प्रतिबंध लगाने के लिए केन्द्र सरकार आम सहमति क प्रयास कर रही है। 

काटजू ने अपने ब्लॉग में राजनाथ के इस बयान का जिक्र करते हुए लिखा कि, गौमांस खाने में कुछ गलत नहीं है। दुनिया के अधितकर लोग गौमांस खातेे हैं। यह सस्ते प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत है। भारत में मिजोरम, नागालैण्ड, त्रिपुरा जैसे उत्तरी-पूर्वी राज्यों के साथ ही दक्षिण के कुछ राज्यों में लोग गौमांस खाते हैं। इस तरह के प्रतिबंध से दुनिया के लोगों को हम पर हंसने का मौका मिलेगा। दुनिया में काफी लोग गौमांस खाते हैं तो क्या वे पापी हैं?

उन्होंने आगे लिखा कि, मैं अपनी पत्नी और रिश्तेदारों की भावनाओं का ख्याल रखते हुए इसे नहीं खाता हूं लेकिन आगे मौका मिला तो जरूर खाऊंगा। मैं किसी को गौमांस खाने के लिए विवश नहीं कर रहा लेकिन लोकतंत्र में मुझे कोई इससे कैसे रोक सकता है। इस तरह के प्रतिबंध से हमारी सामंती सोच का पता चलता है। गौ हत्या को लेकर चिलाने वाले लोग गायों की हालत की चिंता नहीं करते। दूध देने लायक न रहने पर गायों को घर से बाहर निकाल देते हैं। वे कचरा खाती हैं ये गौहत्या नहीं है।