लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश की पी.सी.एस.प्री. की परीक्षा का दूसरी पाली की बिना सील बुकलेट पाये जाने पर सवाल उठाया है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा0 मनोज मिश्र ने सपा सरकार पर लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के भ्रष्टाचार को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। उत्तर प्रदेश की प्रतियोगी परीक्षायें भ्रष्टाचार का पैमाना बन गई है। उन्होंने मांग की कि प्रदेश के लोक सेवा आयोग को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए, पी.सी.एस.प्री. की परीक्षा दुबारा कराई जाये तथा आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति से अब तक की प्रतियोगी परीक्षाओं की सी.बी.आई. जांच कराई जाये।

डा0 मिश्र ने आरोप लगाया कि सपा सरकार आयोग के अध्यक्ष के काले कारनामों को संरक्षण दे रही है, कारनामे उजागर करने वालों पर लाठी-गोली इस्तेमाल कर रही है। चयन में धांधली और भ्रष्टाचार के कारण प्रदेश का बेरोजगार नौजवान आक्रोशित है। इस भ्रष्टाचार के विरूद्ध आक्रोश से प्रदेश में कानून-व्यवस्था खतरे में है। अभ्यर्थी आन्दोलनरत है। आयोग के अध्यक्ष के घरवालों द्वारा आगरा के प्रदर्शनकारियों पर गुण्डागर्दी की गई, पुलिस के अधिकारी मौन रहे। डा0 मिश्र ने तीखे स्वर में कहा कि एक आयोग के अध्यक्ष को बचाने के लिए सरकार ऐड़ी चोटी का जोर लगाये है। डा0 अनिल यादव को बचाने के चक्कर में सरकार चली जायेगी।

डा0 मिश्र ने सपा सरकार पर हमला करते हुए कहा कि ये सरकार सम्वेदनहीन सरकार है। पहले सिपाही-दरोगा भर्ती में भ्रष्टाचार और अब पी.सी.एस.प्री. की परीक्षा में धांधली से आयोग प्रश्न चिन्ह के दायरे में हैं। डा0 अनिल यादव के दो साल का कार्यकाल भ्रष्टाचार का कार्यकाल रहा है। पिछले दो वर्षो में शायद ही कोई परीक्षा विवाद रहित हुई हो। अब पी.सी.एस. 2013 नियुक्तियों में भ्रष्टाचार आम बात हो गई है।

प्रवक्ता डा0 मिश्र ने मांग की कि आयोग के चेयरमैन डा0 अनिल यादव को तत्काल बर्खास्त किया जाये, अध्यक्ष के कार्यकाल की सी.बी.आई. जांच की जाये, पी.सी.एस.प्री. की पूरी परीक्षा रद्द की जाये तथा चयन की विश्वसनीय व पारदर्शी प्रक्रिया बनाई जाये।