लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने अखबारों में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का चित्र लगा गेहूं खरीद की योजना को दर्शाता विज्ञापन प्रकाशित कर किसानों का मजाक उड़ाया है। विज्ञापन में उत्तर प्रदेश को ‘उम्मीदों का प्रदेश’ कहा गया है।
प्रदेश मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि सरकार ने तुकबंदी के जरिए दावा किया है किसान की जरूरत पर सबसे प्रथम, उम्मीदों पर उतर रहे हैं। जबकि हकीकत है कि सपा सरकार में उत्तर प्रदेश लाखों किसानों की नाउम्मीदों का प्रदेश बन गया है। गुरुवार को मुजफ्फनगर में मुख्यमंत्री ने स्वयं पत्रकारों के सामने स्वीकारा है कि उनकी सरकार किसानों के लिए कुछ नहीं कर पाई है।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद भी गेहूं खरीद की असलियत पहले दिन ही जाहिर हो गई है। राजधानी लखनऊ में तो किसी भी गेहूं क्रय केंद्र पर खरीद का खाता ही नहीं खुला। खराब मौसम के कारण खराब हुई फसल से सदमे में आए किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि प्रदेश सरकार इनके आंसू पोंछने की बजाय मनमाना सर्वे कर फर्जी रिपोर्ट तैयार कर रही है। ऐसा करके सपा सरकार उन सूदखोरों और दलालों की मदद कर रही है जो कर्ज में डूबे किसान और उनके परिवारों की बची-खुची जमीनों पर कब्जा करने की जुगत में जुट गए हैं। गन्ना किसानों का अभी तक पांच हजार करोड़ रुपए से अधिक चीनी मिल दबाए हुए हैं लेकिन सरकार ने इस ओर से आंखें बंद कर रखी हैं।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि अखिलेश यादव सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष को केवल दिखाने के लिए ही ‘किसान वर्ष’ घोषित किया है लेकिन अब तक ऐसी कोई योजना या कार्रवाई नहीं की है जिससे गरीब और पीडि़त किसानों को किसी प्रकार की राहत मिल सके।
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